भारत और इजराइल के बीच नई इन्वेस्टमेंट डील, निवेशकों को करों में छूट का फायदा

Investment Deal: भारत और इजराइल ने द्विपक्षीय निवेश समझौते (बीआईए) पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत निवेशकों को कर छूट, न्यूनतम सुरक्षा मानक और स्वतंत्र मध्यस्थता जैसी सुविधाएं मिलेंगी. इस डील से दोनों देशों के बीच निवेश और आर्थिक सहयोग को मजबूती मिलेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इजराइल के वित्त मंत्री बेजालेल स्मोट्रिच ने समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता इजराइल को भारत का पहला ओईसीडी सदस्य साझेदार बनाता है और विदेशी निवेशकों के लिए भरोसेमंद माहौल सुनिश्चित करता है.

By KumarVishwat Sen | September 8, 2025 9:22 PM

Investment Deal: भारत और इजराइल ने सोमवार को एक ऐतिहासिक द्विपक्षीय निवेश समझौते (बीआईए) पर हस्ताक्षर किए. इस करार के तहत निवेशकों को करों में छूट, सुरक्षा और पारदर्शिता का भरोसा दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इजराइल के वित्त मंत्री बेजालेल स्मोट्रिच ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच निवेश और आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.

स्थानीय उपायों की अवधि में बदलाव

समझौते के तहत इजराइली निवेशकों के लिए स्थानीय उपायों की समाप्ति अवधि को पांच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष कर दिया गया है. इसका मतलब है कि विदेशी निवेशक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में जाने से पहले भारत की कानूनी प्रणाली में अब केवल तीन वर्षों तक ही उपायों का सहारा लेंगे. इसी तरह का प्रावधान भारत-यूएई समझौते में भी शामिल किया गया था.

निवेशकों को मिलेगी सुरक्षा और पारदर्शिता

वित्त मंत्रालय ने बताया कि यह निवेश समझौता निवेशकों को न्यूनतम मानक सुरक्षा, स्वतंत्र मध्यस्थता व्यवस्था, पारदर्शिता और सुगम हस्तांतरण जैसी सुविधाएं देगा. इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे.

आर्थिक सहयोग के नए क्षेत्र

हस्ताक्षर के दौरान दोनों देशों ने वित्तीय-प्रौद्योगिकी नवाचार, अवसंरचना विकास, वित्तीय नियमन और डिजिटल भुगतान कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि व्यापारिक संवाद बढ़ाकर निवेश के और अवसर तलाशने चाहिए, ताकि इस समझौते से अधिकतम लाभ उठाया जा सके.

भारत-इजराइल निवेश संबंध

यह समझौता खास इसलिए भी है, क्योंकि इजराइल आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) का पहला सदस्य देश है, जिसके साथ भारत ने ऐसा निवेश करार किया है. वर्तमान में दोनों देशों के बीच निवेश लगभग 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2000 से जून 2025 तक भारत को इजराइल से 33.77 करोड़ डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला है. इसी अवधि में भारत का कुल एफडीआई प्रवाह एक लाख करोड़ डॉलर को पार कर चुका है, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर एक सुरक्षित और प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित हुआ है.

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आगे की रणनीति

भारत इस समय सऊदी अरब, कतर, ओमान, स्विट्जरलैंड, रूस, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ समेत दर्जनभर देशों के साथ निवेश संधियों पर बातचीत कर रहा है. पिछले वर्ष भारत ने यूएई और उज्बेकिस्तान के साथ भी निवेश संधियां लागू की थीं. यह नया भारत-इजराइल निवेश समझौता न केवल निवेशकों के लिए राहत का संदेश है, बल्कि दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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