भारतीय अर्थव्यवस्था ने ट्रंप की निकाली हवा, 7.8% वृद्धि के साथ जीडीपी ने दिखाया दम

GDP Growth: भारत की जीडीपी ने पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.8% की दमदार वृद्धि दर्ज की है. यह प्रदर्शन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वार को करारा जवाब देता है. कृषि, विनिर्माण, निर्माण और सेवा क्षेत्रों ने अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है. चीन की 5.2% वृद्धि के मुकाबले भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली वैश्विक अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है. निजी खपत और सरकारी निवेश में वृद्धि ने विकास दर को सहारा दिया और भारत की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह और मजबूत की.

By KumarVishwat Sen | August 29, 2025 10:50 PM

GDP Growth: भारत की अर्थव्यवस्था के आगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ की धमकी की पूरी तरह से हवा निकल गई है. वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ने अपना दम दिखाते हुए 7.8% की वृद्धि दर्ज की है. खास बात यह है कि अमेरिका की ओर से भारत पर भारी-भरकम टैरिफ लगाए जाने से पहले की 5 तिमाहियों में भारतीय अर्थव्यवस्था का यह सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है.

जीडीपी आंकड़े और वैश्विक तुलना

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8% बढ़ी है. पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह केवल 6.5% रही थी. वहीं, चीन की जीडीपी ग्रोथ 5.2% रही. इससे साफ है कि भारत वैश्विक प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना हुआ है.

कृषि क्षेत्र का बेहतरीन प्रदर्शन

भारत के इस आर्थिक वृद्धि में सबसे महत्वपूर्ण योगदान कृषि क्षेत्र का रहा है. आंकड़ों के अनुसार, कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों ने 3.7% की वृद्धि दर्ज की, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह केवल 1.5% थी. अच्छी मानसूनी बारिश और सरकारी नीतियों ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है, जिसका असर जीडीपी पर साफ दिखा.

विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र की मजबूती

वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र ने 7.7% की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले साल की समान तिमाही के 7.6% से अधिक है. वहीं, निर्माण क्षेत्र ने भी 7.6% की ग्रोथ दर्ज कर स्थिर मूल्य पर 7.5% से अधिक का योगदान दिया. यह आंकड़े बताते हैं कि औद्योगिक क्षेत्र भी भारत की ग्रोथ में अहम भूमिका निभा रहा है.

अर्थव्यवस्था की रीढ़ बना सेवा क्षेत्र

सेवा क्षेत्र ने इस तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित करते हुए 7.6% की वास्तविक जीवीए वृद्धि दर्ज की. आईटी, वित्तीय सेवाओं और टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में तेजी ने निवेशकों का विश्वास मजबूत किया है. इससे भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिली.

ट्रंप का टैरिफ वार और भारतीय प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को ‘लिबरेशन डे’ पर भारत समेत लगभग 200 देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. 9 अप्रैल से लागू होने वाले इस फैसले की डेडलाइन कई बार बढ़ाई गई और अंततः 7 अगस्त से भारत पर 25% टैरिफ लगाया गया, जिसे 27 अगस्त को बढ़ाकर 50% कर दिया गया. इसके बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने दमदार प्रदर्शन कर यह साबित कर दिया कि बाहरी दबाव उसकी रफ्तार को धीमा नहीं कर सकता.

उपभोग और निवेश का असर

वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में वास्तविक निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में 7% की वृद्धि दर्ज की गई. हालांकि, यह पिछले साल की इसी अवधि के 8.3% से कुछ कम रही. इसके बावजूद घरेलू मांग और निवेश में तेजी ने अर्थव्यवस्था को सहारा दिया. सरकारी खर्च और इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश में बढ़ोतरी भी ग्रोथ का बड़ा कारक रही.

नॉमिनल जीडीपी और अन्य सेक्टर

इस तिमाही में नॉमिनल जीडीपी में 8.8% की वृद्धि दर्ज की गई. सेकेंडरी सेक्टर की बात करें, तो खनन क्षेत्र में -3.1% की गिरावट रही, जबकि बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं में केवल 0.5% की मामूली वृद्धि दर्ज हुई. हालांकि, इन क्षेत्रों की सुस्ती को कृषि, सेवा और विनिर्माण ने संतुलित कर दिया.

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भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ी ताकत

ताजा आंकड़े यह साबित करते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत बेहद मजबूत स्थिति से कर रही है. कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में आई तेजी ने न केवल घरेलू मांग को बढ़ाया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की छवि को सशक्त किया है. ट्रंप के टैरिफ वार के बावजूद भारत ने दिखा दिया है कि वह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है.

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