मार्च 2025 में जीएसटी कलेक्शन 10% बढ़ा, अब तक का दूसरा सबसे ऊंचा स्तर
GST Collection: मार्च 2025 में जीएसटी संग्रह का 1.96 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचना भारतीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक रुझान को दर्शाता है. यह न केवल मजबूत कर अनुपालन को दर्शाता है, बल्कि आर्थिक स्थिरता और व्यापारिक गतिविधियों में निरंतर सुधार की ओर भी संकेत करता है.
GST Collection: भारत में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मार्च 2025 में 9.9% की वृद्धि के साथ 1.96 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है, जो अब तक का दूसरा सबसे अधिक संग्रह है. यह आंकड़ा भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और कर अनुपालन में सुधार को दर्शाता है.
कहां-कहां से मिला जीएसटी
- घरेलू लेनदेन से राजस्व: 1.49 लाख करोड़ रुपये (8.8% वृद्धि)
- आयातित वस्तुओं से राजस्व: 46,919 करोड़ रुपये (13.56% वृद्धि)
- केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी): 38,145 करोड़ रुपये
- राज्य जीएसटी (एसजीएसटी): 49,891 करोड़ रुपये
- एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी): 95,853 करोड़ रुपये
- उपकर संग्रह: 12,253 करोड़ रुपये
- रिफंड राशि: 19,615 करोड़ रुपये (41% वृद्धि)
- रिफंड समायोजन के बाद, मार्च 2025 में शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.76 लाख करोड़ रुपये रहा. यह सालाना आधार पर 7.3% की वृद्धि है.
अप्रैल 2024 में बना था रिकॉर्ड
पिछले वर्ष अप्रैल 2024 में जीएसटी संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था. डेलॉयट इंडिया के साझेदार एमएस मणि के अनुसार, साल के अंत में व्यवसाइयों की ओर से बढ़ाई गई बिक्री की वजह से मार्च के दौरान जीएसटी संग्रह में हुई 9.9% वृद्धि हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी संग्रह में हर महीने लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे वार्षिक सकल जीएसटी संग्रह में 9.4% की वृद्धि हुई है.
राज्यों में जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी
- 10% से अधिक वृद्धि वाले राज्य: महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान
- 1% से 7% वृद्धि वाले राज्य: गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु
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आर्थिक स्थिरता का संकेत
केपीएमजी इंडिया के साझेदार अभिषेक जैन का कहना है कि टैक्स कलेक्शन में 10% की वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और कंपनियों द्वारा कर अनुपालन में सुधार को दर्शाती है. वित्त वर्ष के अंत में समायोजन और समाधान प्रक्रियाओं के चलते आगामी महीनों में जीएसटी संग्रह में और वृद्धि की उम्मीद की जा रही है.
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