वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स बेनिफिट की डेडलाइन बढ़ाने का दिया संकेत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को देश के कारोबारियों को कॉरपोरेट टैक्स में बेनिफिट की डेडलाइन बढ़ाने के संकेत दिए हैं. उद्योग संगठन फिक्की में आयोजित उद्यमियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स को 15 फीसदी तक रखने की डेडलाइन बढ़ाने पर सरकार विचार-विमर्श करेगी.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 9, 2020 3:44 PM

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को देश के कारोबारियों को कॉरपोरेट टैक्स में बेनिफिट की डेडलाइन बढ़ाने के संकेत दिए हैं. उद्योग संगठन फिक्की में आयोजित उद्यमियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स को 15 फीसदी तक रखने की डेडलाइन बढ़ाने पर सरकार विचार-विमर्श करेगी. पिछले साल सितंबर में ही केंद्र सरकार ने करीब 28 साल बाद कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी कटौती का ऐलान किया था. निजी निवेश बढ़ाने और सुस्त अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए सरकार ने इसमें करीब 10 फीसदी की कटौती का ऐलान किया था.

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बता दें कि मौजूदा कंपनियों के लिए बेस कॉरपोरेट टैक्स को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी करने का फैसला लिया गया था. वहीं, 1 अक्टूबर 2019 के बाद से खुलने वाले मैन्यूफैक्चरिंग फर्म्स के लिए इसे 25 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी किया गया था. इन कंपनियों को 31 मार्च 2023 से पहले ऑपरेशन शुरू करने की जरूरत थी.

​निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं देखूंगी कि इसके लिए क्या किया जा सकता है. हम चाहते हैं कि 15 फीसदी टैक्स के फैसले से उद्योग में नये निवेश का लाभ मिले. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि मैं इस बात पर भी विचार करूंगी कि 31 मार्च 2023 की डेडलाइन को आगे बढ़ाया जाए.

वित्त मंत्री ने उद्यमियों को भरोसा दिया कि उद्योग को केंद्र सरकार हर संभव मदद करेगी. सरकार की मंशा है कि भारतीय कारोबार को आगे बढ़ाया जाए और अर्थव्यवस्था को पुन​र्जीवित किया जाए. इस दौरान उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोविड-19 आपातकालीन क्रेडिट सुविधा के दायरे में सभी कंपनियां आएंगी. यह सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) तक ही सीमित नहीं है.

नकदी को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमनें पहले ही नकदी के मामले को साफ कर दिया है. नकदी की उपलब्धता पर्याप्त है. अगर इसे लेकर आगे समस्या बनी रहती है, तो हम इसके लिए कदम उठाएंगे. उन्होंने यह भी बताया कि सभी सरकारी विभागों को किसी भी तरह का बकाया चुकाने को कहा गया है. सरकार इस पर ध्यान दे रही है.

इसके साथ ही वित्त मंत्री सीतारमण ने उद्योग जगत को यह सुझाव भी दिया कि वह कॉरपोरेट मंत्रालय और सेबी की डेडलाइंस से संबंधित सिफारिशों को सबमिट करें. इसके आधार पर जरूरी कदम उठाये जाएंगे.

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से प्रभावित सेक्टर्स के लिए जीएसटी दरों में कटौती को लेकर उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती का फैसला जीएसटी परिषद में जायेगा, लेकिन जीएसटी परिषद राजस्व बढ़ाने पर नजर रख रही है. किसी भी क्षेत्र के लिए जीएसटी दरों में कटौती का फैसला जीएसटी परिषद की ओर से ही किया जाएगा.

इस बैठक में राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने फिक्की सदस्यों को बताया कि कॉरपोरेट्स के लिए आयकर रिफंड जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. पिछले कुछ सप्ताह में 35,000 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड जारी किया जा चुका है.

Posted By : Vishwat Sen

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