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Fact Check: आपको भी मिल रहा 5G/4G टावर लगवाने का मैसेज! तो हो जाएं सावधान, जानिए क्या है सच्चाई

Fact Check आपके घर या निजी संपत्ति में 5G/4G टावर लगवाने के लिए संदेश मिल रहे है, तो सावधान हो जाएं. ईमेल, मैसेज या फोन के माध्यम से आप तक पहुंचाए जा रहे ये संदेश एकदम झूठ और फर्जी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2022 5:26 PM
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Fact Check आपके घर या निजी संपत्ति में 5जी/4जी (5G/4G) टावर लगवाने के लिए संदेश मिल रहे है, तो सावधान हो जाएं. ईमेल, मैसेज या फोन के माध्यम से आप तक पहुंचाए जा रहे ये संदेश एकदम झूठ और फर्जी है. दरअसल, सरकार की तरफ से इस संबंध में कोई दावा नहीं किया गया है. पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने यह जानकारी दी है.

… तो रहें अलर्ट

पीआईबी फैक्ट चेक ने ट्वीट कर बताया है कि अगर आपको भी 5G/4G टावर स्थापना को लेकर संदेश, ई-मेल या कॉल प्राप्त हुए हैं. तो अलर्ट रहें, क्योंकि धोखाधड़ी के लिए कुछ अपराधी प्रवृति के शख्स लोगों को बरगलाने के मौके तलाशते हैं. इसी के मद्देनजर यह भी एक प्रयास है. बताया गया है कि कुछ धोखेबाज कंपनियां/एजेंसियां/व्यक्ति आम जनता को मोटी मासिक किराया भुगतान का वादा करके उनकी निजी संपत्तियों में मोबाइल टावर लगाने की अनुमति और उनसे खाते में सुरक्षा के रूप में पैसा जमा करने का प्रस्ताव रखते हैं. जमा/आवेदन शुल्क/पंजीकरण शुल्क/स्टाम्प शुल्क/सरकारी कर के एवज में दूरसंचार अधिनियम/अग्रिम भुगतान के लिए पैसे की मांग की जाती है.

Did you receive 5G/4G tower installation messages, emails, or calls?

𝐁𝐄𝐖𝐀𝐑𝐄‼️

Miscreants look for opportunities to trick people into such #Frauds

Take a look at this #PIBFactCheck to know more 🔽

Read more at: https://t.co/1IE5AKZeQ7 pic.twitter.com/Ot2VUEiqa7

— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 24, 2022


शुल्क का भुगतान तो बिल्कुल ना करें

बताया गया कि पैसे इकट्ठा करने के बाद ये कंपनियां/व्यक्ति/एजेंसियां पहुंच से बाहर हो जाती हैं. ये कंपनियां कभी-कभी फर्जी संस्थान के नाम पर या अलग-अलग नाम से सरकारी संगठन/विभाग से जुड़ी नकली अनापत्ति प्रमाणपत्र भी जारी करती हैं. अगर आपके पास भी टावर इंस्टॉल को लेकर ऐसा कोई मैसेज या ई-मेल आता है, तो उस पर भी विश्वास ना करें. ऐसे मैसेज से आपको बचने की सलाह दी गई है. साथ ही अपनी निजी जानकारी साझा करने और किसी तरह के शुल्क का भुगतान तो बिल्कुल नहीं करने की बात कही गई है.

वायरल हो रही गलत जानकारी का सच सामने लाना है मुख्य उद्देश्य

बता दें कि पीआईबी फैक्ट चेक सोशल मीडिया पर वायरल फेक मैसेज या पोस्ट को सामने लाता है और उनका खंडन करता है. ये सरकारी नीतियों और योजनाओं पर वायरल हो रही गलत जानकारी का सच सामने लेकर आता है. अगर आप भी किसी वायरल मैसेज का सच जानना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 918799711259 या socialmedia@pib.gov.in पर मेल कर सकते हैं.

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