Mutual Funds: इक्विटी म्यूचुअल फंड में बड़ी गिरावट, सितंबर के दौरान निवेश में आई 9% तक की कमी
Mutual Funds: सितंबर 2025 में इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश 9% घटकर 30,421 करोड़ रुपये रहा. एम्फी की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह लगातार दूसरा महीना है, जब इक्विटी फंड में गिरावट आई. हालांकि यह 55वां महीना है, जब शुद्ध निवेश जारी रहा. फ्लेक्सी कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप फंड्स ने सबसे ज्यादा योगदान दिया, जबकि बॉन्ड फंड्स से 1.02 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई. कुल एयूएम 75.61 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा.
Mutual Funds: भारत में सितंबर महीने के दौरान इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश में 9% तक की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (एम्फी) की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज की गई. इस महीने कुल 30,421 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, जबकि अगस्त में यह 33,430 करोड़ रुपये और जुलाई में 42,702 करोड़ रुपये था. इसका मतलब यह कि निवेश में लगभग 9% की गिरावट दर्ज की गई है.
इक्विटी में लगातार 55वें महीने निवेश जारी
गिरावट के बावजूद यह इक्विटी खंड में शुद्ध निवेश का लगातार 55वां महीना रहा, जो निवेशकों के इक्विटी मार्केट में दीर्घकालिक भरोसे को दर्शाता है. हालांकि, फंड हाउसों का कहना है कि बाजार में अस्थिरता और वैल्यूएशन के ऊंचे स्तर के कारण निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया है.
फ्लेक्सी कैप और मिड कैप फंड्स में सबसे ज्यादा इनफ्लो
इक्विटी फंड श्रेणियों में फ्लेक्सी कैप फंड्स ने सबसे अधिक 7,029 करोड़ रुपये का योगदान दिया है. इसके बाद मिड कैप फंड्स में 5,085 करोड़ रुपये और स्मॉल कैप फंड्स में 4,363 करोड़ रुपये का निवेश आया. वहीं, लार्ज कैप फंड्स में केवल 2,319 करोड़ रुपये का इनफ्लो देखा गया. विशेषज्ञों के अनुसार, निवेशकों की दिलचस्पी अभी भी मध्यम और छोटे शेयरों वाले फंड्स में सबसे अधिक देखी जा रही है.
बॉन्ड फंड्स में भारी निकासी
दूसरी ओर, डेट या बॉन्ड फंड्स श्रेणी में निवेशकों ने 1.02 लाख करोड़ रुपये की भारी निकासी की. यह निकासी अगस्त के 7,980 करोड़ रुपये की तुलना में कई गुना अधिक है. इसका मुख्य कारण ब्याज दरों में संभावित बदलाव और लिक्विडिटी की जरूरतें मानी जा रही हैं.
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कुल परिसंपत्तियों में हल्की बढ़ोतरी
सितंबर के अंत में म्यूचुअल फंड उद्योग की कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) बढ़कर 75.61 लाख करोड़ रुपये हो गईं, जो अगस्त के अंत में 75.12 लाख करोड़ रुपये थी. हालांकि, कुल मिलाकर सितंबर में उद्योग से 43,146 करोड़ रुपये की निकासी हुई, जबकि अगस्त में 52,443 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश दर्ज किया गया था.
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