चलती ट्रेन में नहीं होगी पैसों की दिक्कत, रेलगाड़ी में लग गई पहली एटीएम
ATM In Train: भारतीय रेलवे ने पहली बार मनमाड-सीएसएमटी पंचवटी एक्सप्रेस में एटीएम ऑन व्हील्स की सुविधा शुरू की है. यह पहल यात्रियों को चलती ट्रेन में नकद की सुविधा देने और रेलवे के गैर-किराया राजस्व को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसका वीडियो एक्स पर साझा किया है, जिससे यह खबर तेजी से वायरल हो रही है.
ATM In Train: ट्रेन में सफर करने वालों के लिए एक जरूरी खबर है. अब चलती ट्रेन में यात्रियों को कभी पैसों की दिक्कत नहीं होगी. भारतीय रेलवे ने रेलगाडियों में एटीएम लगाना शुरू कर दिया है. भारतीय रेलवे ने डिजिटल भारत की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है. पहली बार, महाराष्ट्र में चलने वाली 12110 मनमाड-सीएसएमटी पंचवटी एक्सप्रेस में एक टेस्ट के आधार पर एटीएम ऑन व्हील्स की सुविधा शुरू की गई है. यह पहल रेलवे के गैर-किराया राजस्व (NFR) को बढ़ावा देने और यात्रियों को अतिरिक्त सुविधा देने के लिए की गई है.
रेलमंत्री ने एक्स पर किया पोस्ट
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर इस मोबाइल एटीएम का वीडियो साझा किया है, जिससे यह खबर तेजी से वायरल हो रही है. इस एटीएम को ट्रेन की मिनी पेंट्री को परिवर्तित कर स्थापित किया गया है, जिसे रबर पैड और बोल्ट की सहायता से कंपन से सुरक्षित किया गया है. साथ ही, दो अग्निशमन यंत्र भी लगाए गए हैं, ताकि सुरक्षा मानकों का पालन किया जा सके.
पहली बार कब शुरू हुई एटीएम लगाने की पहल
इस पहल की शुरुआत 25 मार्च 2025 को हुई, जब रेलवे ने संभावित विक्रेताओं के साथ एक बैठक की. इसके बाद 10 अप्रैल 2025 को पंचवटी एक्सप्रेस में इसका पहला ट्रायल रन किया गया. यह कदम यात्रियों को यात्रा के दौरान नकद की आवश्यकता पड़ने पर बड़ी राहत देगा. भारतीय रेलवे विकसित भारत 2047 के विजन को ध्यान में रखते हुए लगातार आधुनिकीकरण और इनोवेशन की दिशा में कार्य कर रही है. आधुनिक स्टेशन, अत्याधुनिक ट्रेनें, और नई सुरक्षा प्रणालियां इस परिवर्तन की पहचान हैं.
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रेलवे ट्रैक का नवीनीकरण
‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत 1,337 स्टेशनों का पुनर्विकास प्रस्तावित है. 2024 में रेलवे ने 6,450 किमी ट्रैक का नवीनीकरण, 8,550 टर्नआउट का नवीनीकरण और 2,000 किमी ट्रैक की गति को 130 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया है. इसके अलावा, 136 वंदे भारत ट्रेनों और पहली नमो भारत रैपिड रेल की शुरुआत से यात्रियों को विश्व स्तरीय अनुभव मिल रहा है. भारतीय रेलवे भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 10,000 लोको को कवच सुरक्षा तकनीक से लैस कर रही है और 15,000 आरकेएम के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं.
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