SBI में अपनी हिस्सेदारी बढाएगी ऑस्‍ट्रेलियाई कंपनी IAG

नयी दिल्ली :बीमा संशोधन विधेयक को संसद में पारित किये जाने के कुछ ही दिन बाद इंश्योरेंस आस्ट्रेलिया ग्रुप (आईएजी) ने भारत में निजी क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनी एसबीआई जनरल में अपनी हिस्सेदारी 26 प्रतिशत से बढाकर 49 प्रतिशत करने का फैसला किया है. अभी निजी कंपनियों में विदेशी हिस्सेदारी पर 26 प्रतिशत की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 26, 2015 1:08 PM

नयी दिल्ली :बीमा संशोधन विधेयक को संसद में पारित किये जाने के कुछ ही दिन बाद इंश्योरेंस आस्ट्रेलिया ग्रुप (आईएजी) ने भारत में निजी क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनी एसबीआई जनरल में अपनी हिस्सेदारी 26 प्रतिशत से बढाकर 49 प्रतिशत करने का फैसला किया है. अभी निजी कंपनियों में विदेशी हिस्सेदारी पर 26 प्रतिशत की सीमा थी जिसे अब बढा कर 49 प्रतिशत किया जा रहा है.

एसबीआई जनरल भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और इंश्योरेंस आस्ट्रेलिया ग्रुप (आईएजी) के बीच 74:26 का संयुक्त उद्यम है. एसबीआई ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय निदेशक मंडल की कार्यकारी समिति (ईसीसीबी) ने 25 मार्च 2015 को निर्णय कि एसबीआई जेनरल इंश्योरेंस में एसबीआई की हिस्सेदारी 76 प्रतिशत से घटाकर 51 प्रतिशत करने के लिए संयुक्त उद्यम समझौते के मुताबिक आवश्यक कार्रवाई की शुरुआत की जाए.’

इस तरह आईएजी की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत से बढाकर 49 प्रतिशत हो जाएगी. इससे पहले इसी महीने संसद ने बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2015 पारित किया है जिसमें अन्य प्रावधानों के आलावा निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों में विदेशी निवेश बढाकर 49 प्रतिशत करने का प्रावधान है.

जनवरी में ब्रिटेन की बूपा इंश्योरेंस ने कहा था कि वह भारतीय स्वास्थ्य बीमा उद्यम मैक्स बूपा में अपनी हिस्सेदारी बढाकर 49 प्रतिशत करेगी जो फिलहाल 26 प्रतिशत है. इस तरह की घोषणा करने वाली वह पहली विदेशी बीमा कंपनी थी. मैक बूपा, मैक्स इंडिया (74 प्रतिशत हिस्सेदारी) और ब्रिटेन के वैश्विक स्वास्थ्य समूह बूपा (26 प्रतिशत) का संयुक्त उद्यम है. इस कंपनी ने भी अपना परिचालन 2010 में शुरू किया था.

भारती, रिलायंस, मैक्स इंडिया समेत कई अन्य भाररतीय कंपनियों ने अपने बीमा उद्यमों में अपनी हिस्सेदारी कम करने की इच्छा व्यक्त की है. इसके अलावा कई और बैंक भी बीमा क्षेत्र में अपने संयुक्त उद्यमों में अपनी हिस्सेदारी कम करने पर भी विचार कर सकते हैं क्यों कि इससे उन्हें अपने मुख्य व्यवसाय के विस्तार के लिए अतिरिक्त पूंजी मिल सकती है.

एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के उप मुख्य कार्यकारी स्टीव हॉलो ने कहा था ‘अगले वित्त वर्ष तक उल्लेखनीय मात्र में पूंजी की जरुरत होगी.’ कंपनी को मार्च 2015 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में कुल 1,600 करोड रुपये की प्रीमियम आय होने की उम्मीद है. पिछले वित्त वर्ष में प्रीमियम आय 1,200 करोड रुपये हुई थी.

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