किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया : एयर इंडिया

नयी दिल्ली : सार्वजनिक विमानन कंपनी एयर इंडिया ने आज कहा कि उसकी उड़ान सुरक्षा इकाई उस मामले की जांच कर रही है, जिसमें एक वरिष्ठ पायलट की बेटी केवल चालक दल सदस्यों के लिए निर्धारित स्थान पर आराम करती पाई गई थी. यह घटना हाल ही में एयर इंडिया की मुंबई से नेवार्क की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 27, 2014 8:20 PM
नयी दिल्ली : सार्वजनिक विमानन कंपनी एयर इंडिया ने आज कहा कि उसकी उड़ान सुरक्षा इकाई उस मामले की जांच कर रही है, जिसमें एक वरिष्ठ पायलट की बेटी केवल चालक दल सदस्यों के लिए निर्धारित स्थान पर आराम करती पाई गई थी. यह घटना हाल ही में एयर इंडिया की मुंबई से नेवार्क की उड़ान के दौरान हुई.
विमान कंपनी का कहना है कि इस घटना से चालक दल की उड़ान सुरक्षा प्रभावित नहीं हुई. कंपनी ने इसके साथ ही अपने एक पूर्व चालक दल सदस्य के इस आरोप का भी खंडन किया है कि फ्रैंकफर्ट से आने वाली उसकी उड़ान में एक (प्रीबुक्ड फर्स्टक्लास) यात्री को सीट इसलिए नहीं दी गई क्योंकि वहां एक वरिष्ठ नौकरशाह को बैठाना था.
यूनियन नेता और एयर इंडिया के एक पूर्व चालक दल सदस्य के.वी.जे. राव ने इस बारे में नागर विमानन सचिव को शिकायत दर्ज कराई है. इसमें आरोप लगाया गया है कि दिल्ली से फ्रैंकफर्ट जाने वाली एक उड़ान में पिछले महीने फर्स्टक्लास के एक यात्री को एक्जीक्यूटिव क्लास में बैठने को मजबूर किया गया क्योंकि वहां वरिष्ठ नौकरशाह को बैठाना था.
राव ने शिकायत में यह भी आरोप लगाया है कि एयर इंडिया के एक वरिष्ठ पायलट की बेटी ने 13 दिसंबर को मुंबई से अमेरिका की उड़ान में डीजीसीए नियमों का उल्लंघन किया. आरोप है कि उसे पहले तो जंप सीट पर बैठने दिया और फिर सोने के स्थान पर आराम करने की अनुमति दी गई.
एयर इंडिया के बयान में कहा गया है, उक्त कैप्टन की बेटी के क्रू सीट पर बैठने या आराम करने से किसी चालक दल सदस्य की सुरक्षा प्रभावित नहीं होती. वह तो केबिन क्रू रेस्ट एरिया में आराम कर रही थी, जहां दल के लिए छह सीटें आवंटित होती हैं.
इस बयान के अनुसार उड़ान सुरक्षा विभाग से मामले की जांच करने और रपट दाखिल करने को कहा गया है. कंपनी ने फ्रैंकफर्ट से दिल्ली की उड़ान में यात्री को बिजनेस क्लास में सीट नहीं देने के आरोप को भी निराधार बताया है.

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