भारत और रूस ने खनिज-तेल क्षेत्र में सहयोग के लिए भविष्य की योजना पर किये हस्ताक्षर

व्लादिवोस्तोक (रूस) : भारत और रूस ने पेट्रोलियम क्षेत्र में भविष्य के सहयोग की वृहद योजना पर बुधवार को हस्ताक्षर किये. इसके साथ-साथ रूस अपने सुदूर पूर्व क्षेत्र से कोकिंग कोयल की आपूर्ति पर गौर करने पर सहमत हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 20वें भारत-रूस सालाना सम्मेलन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 4, 2019 9:21 PM

व्लादिवोस्तोक (रूस) : भारत और रूस ने पेट्रोलियम क्षेत्र में भविष्य के सहयोग की वृहद योजना पर बुधवार को हस्ताक्षर किये. इसके साथ-साथ रूस अपने सुदूर पूर्व क्षेत्र से कोकिंग कोयल की आपूर्ति पर गौर करने पर सहमत हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 20वें भारत-रूस सालाना सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों पक्ष रूस और भारत के अलावा विदेशों में तेल और गैस फील्ड के संयुक्त रूप से विकास की संभावना टटोलने पर सहमत हुए हैं.

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दोनों ओर से जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार कि हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में 2019-24 के लिए सहयोग की योजना पर हस्ताक्षर के साथ दोनों पक्षों को इस क्षेत्र में अगले पांच साल में द्विपक्षीय सहयोग नयी ऊंचाई पर पहुंचने की उम्मीद है. हालांकि, इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, बातचीत के दौरान 15 सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये. इसमें परिवहन के लिए प्राकृतिक गैस के उपयोग को लेकर रूस के ऊर्जा मंत्रालय और भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक बैस मंत्रालय के बीच हुआ समझौता शामिल है.

इसके अलावा, एक अन्य समझौता तेल एवं गैस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर किया गया. तरलीकृत प्राकृतिक गैस की आपूर्ति तथा संयुक्त रूप से एलएनजी बिक्री कारोबार के संयुक्त विकास को लेकर रूस के गैस उत्पादक नोवातेक ने पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये. संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के नेता रूस और भारत के अलावा भूगर्भीय खोज और तेल एवं गैस फील्डों के संयुक्त विकास को लेकर गठजोड़ बनाने को प्रतिबद्ध हैं. दोनों नेताओं ने रूस के रोसनेफ्ट की नायरा एनर्जी गुजरात की वाडिनार तेल रिफाइनरी में क्षमता बढ़ाने की बात को रेखांकित किया.

इसमें कहा गया है कि भारत और रूस पनबिजली और तापीय बिजली, ऊर्जा दक्षता तथा गैर-परंपरागत स्रोतों से बिजली पैदा करने को लेकर सुविधाओं के डिजाइन और निर्माण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की संभावना पर विचार को सहमत हुए. दोनों पक्षों ने गैर-परमाणु ईंधन और ऊर्जा के क्षेत्र में भी सहयोग की संभावना को भी रेखांकित किया.

बयान के अनुसार, दोनों देश रूस के सुदूर पूर्व से भारत को कोकिंग कोयला की आपूर्ति में सहयोग को सहमत हुए. विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस के सुदूर पूर्व में कोकिंग कोयला खनन परियोजनाओं में सहयोग को लेकर कोल इंडिया और फार ईस्ट इनवेस्टमेंट एंड एक्सपोर्ट एजेंसी के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये.

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