USIBC अध्यक्ष ने कहा, सीतारमण के कदम से ग्लोबल इन्वेस्टमेंट प्लेस के रूप में भारत की स्थिति मजबूत

वॉशिंगटन : अमेरिकी उद्योग जगत ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से शुक्रवार को की गयी सुधारवादी घोषणाओं का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि इन प्रस्तावित विस्तृत सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा तथा एक वैश्विक निवेश स्थल के रूप में देश की स्थिति और मजबूत होगी. इसे भी देखें : वित्त […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 24, 2019 4:16 PM

वॉशिंगटन : अमेरिकी उद्योग जगत ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से शुक्रवार को की गयी सुधारवादी घोषणाओं का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि इन प्रस्तावित विस्तृत सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा तथा एक वैश्विक निवेश स्थल के रूप में देश की स्थिति और मजबूत होगी.

इसे भी देखें : वित्त मंत्री ने भारत की जीडीपी ग्रोथ को बताया दुनिया में सबसे बेहतर, FPI पर लगे टैक्स सरचार्ज को लिया वापस

भारत सरकार ने शुक्रवार को शेयर बाजार में निवेश करने वाले देशी और विदेशी गैर-कॉरपोरेट निवेशकों अधिक ऊंची आय पर अधिभार में वृद्धि को हटाने, स्टार्टअप को ‘एंजल कर’ से छूट देने, संकट से जूझ रहे वाहन निर्माण उद्योग के लिए एक सहायता-पैकेज देने और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में जल्द 70,000 करोड़ रुपये की शेयर-पूंजी डालने की घोषणा की, ताकि बैंक कारोबार और उपभोग के लिए कर्ज सुविधा का विस्तार कर सकें. सरकार इस समय आर्थिक वृद्धि में गिरावट को थामने के उपायों में लगी है. वृद्धि दर घट कर पांच साल के निचले स्तर पर आ गयी है.

अमेरिका-भारत व्यावसायिक परिषद (यूएसआईबीसी)की अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने कहा कि हम इन प्रस्तावित विस्तृत सुधारों के वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और भारत सरकार की सराहना करते हैं. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को जरूरी प्रोत्साहन मिलेगा और अर्थव्यवस्था में विस्तार सुनिश्चत किया जा सकेगा.

पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन में दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक विदेशमंत्री की भूमिका निभा चुकी बिस्वाल ने भरोसा जताया कि इन सुधारों से भारत में और अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने, व्यापार में वृद्धि और नवोन्मेष के लिए जरूरी पूंजी प्रवाह को बनाये रखने और भारत को दुनिया की सबसे तेजी से उभरती बड़ी अर्थव्यवस्था बनाये रखने में मदद मिलेगी.

बिस्वाल ने कहा कि पैकेज के रूप में ये प्रस्ताव वैश्विक निवेश स्थल के रूप में भारत की स्थिति की मजबूत करेंगे. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने विदेशी पोर्टपोलियो निवेशकों (एफपीआई) के पूंजीगत लाभ पर अधिभार हटाकर, क्रेडिट डिफाल्ट स्वैप (ऋण चूक जोखिम विनिमय बाजार) गठित कर बांन्ड बाजार को विस्तार मजबूती देने और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के बांड निर्गम के लिए विमोचन कोष के गठन की अनिवार्यता खत्म करके भारतीय पूंजी बाजार पर निगाह रखने वाले विदेशी निवेशकों को मजबूत संकेत दिये हैं.

बिस्वाल ने कहा कि सरकार ने नवोन्मेष को मदद करने और भारत को उद्यमिता और स्टार्टअप की राजधानी बनाने के लिए एंजल कर को खत्म कर मजबूत पहल की है. उन्होंने कहा कि यूएसआईबीसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पुन:पूंजीकरण करने के फैसले का स्वागत करता है. इससे कारोबार, खुदरा व्यवसाय और बाजार के अन्य हिस्सों को फायदा होगा. बिस्वाल ने कहा कि हम जीएसटी को भी आसान करने की पहल देख रहे हैं. खासतौर पर 60 दिनों के भीतर जीएसटी के रिफंड की प्रतिबद्धता एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे भारतीय और अमेरिकी कंपनियों को भारतीय कर प्रणाली का पूर्वानुमान लगाने में मदद मिलेगी.

अमेरिका-भारत रणनीतिक और साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीआईएफ) ने भी गैर-कॉरपोरेट एफपीआई की एक सीमा से अधिक की आय पर कर अधिभार में वृद्धि हटाने के फैसले का स्वागत किया. यूएसआईएसपीआईएफ ने बयान जारी कर कहा कि इस फैसले का विदेशी निवेशकों के निवेश भावना पर दूरगामी असर होगा और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी प्रोत्साहन मिलेगा.

बयान में कहा गया कि वित्तमंत्री की ओर से जीएसटी रिफंड के दावों को तेजी से निपटने, अधिकारियों के सीधे संपर्क के बिना कर-विवरण का आकलन, उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) में पंजीकृत स्टार्टअप से एंजल कर हटाना और जीएसटी का सरलीकरण जैसे कई उपायों की घोषणा की है.

मंच ने कहा है कि ये सुधार भारत में कारोबार सुगमता बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने के लिए अहम है. यूएसआईएसपीआईएफ आर्थिक विकास और लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है.

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