पोंजी मामला : ED ने 239 करोड़ रुपये की संपत्तियों को किया कुर्क, TMC सांसद से जुड़े हैं तार

नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तृणमूल सांसद केडी सिंह से जुड़ी कंपनी की 239 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं. निदेशालय 1,900 करोड़ रुपये के कथित पोंजी घोटाले से संबंधित मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में राज्यसभा सदस्य से जुड़ी इस कंपनी की संपत्तियां कुर्क की हैं. इसे भी पढ़ें : ईडी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 28, 2019 5:32 PM

नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तृणमूल सांसद केडी सिंह से जुड़ी कंपनी की 239 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं. निदेशालय 1,900 करोड़ रुपये के कथित पोंजी घोटाले से संबंधित मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में राज्यसभा सदस्य से जुड़ी इस कंपनी की संपत्तियां कुर्क की हैं.

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ईडी ने बयान में कहा कि उसने मनी लांड्रिग रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत अस्थायी आदेश जारी कर चंडीगढ़, पंचकूला, डेराबस्सी, एसएएस नगर (पंजाब), शिमला में संपत्तियां कुर्क की हैं. इसके अलावा, अलकेमिस्ट इन्फ्रा रीयल्टी के एचडीएफसी बैंक में खाते पर भी रोक लगायी गयी है. कुर्क संपत्तियों का कुल मूल्य 239.29 करोड़ रुपये है.

केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले साल इस जांच के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद को समन जारी किया था. फिलहाल, सिंह को पार्टी ने किनारे किया हुआ है. सिंह ने अलकेमिस्ट समूह के चेयरमैन पद से 2012 में इस्तीफा दे दिया था. राज्यसभा में उनके ब्योरे में उन्हें समूह का मानद चेयरमैन एवं संस्थापक बताया गया है. ईडी की सिंह और कंपनी के खिलाफ जांच सितंबर, 2016 में शुरू हुई थी. उस समय ईडी ने कंपनी, उसके निदेशकों और अन्य के खिलाफ भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए आपराधिक मामला दायर किया था.

ईडी ने कहा कि जांच में यह तथ्य सामने आया कि अलकेमिस्ट इन्फ्रा रीयल्टी की अपराध की कमाई को कंपनियों के जाल के जरिये इधर-उधर किया गया. आरोप है कि कंपनी ने 2015 से पहले गैर-कानूनी सामूहिक निवेश योजना शुरू कर 1,916 करोड़ रुपये जुटाये थे. कंपनी ने यह योजना सेबी की मंजूरी के बिना शुरू की और निवेशकों को चूना लगाया.

वर्ष 2015 में कंपनी ने सेबी को सूचित किया था कि उसने बाजार नियामक की जांच के बाद निवेशकों के 1,077 करोड़ रुपये लौटा दिये हैं. सेबी ने मार्च, 2016 को अदालत में कंपनी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया.

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