10% आरक्षण के बाद पेंशनभोगियों ने की मोदी सरकार मांग, इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर आठ लाख रुपये तक की जाये

नयी दिल्ली : पेंशभोगियों के एक मंच ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को आरक्षण के प्रावधानों के मद्देनजर सालाना आठ लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को आयकर से छूट दिये जाने की मांग की है. भारतीय पेंशनर्स मंच का तर्क है कि सामान्य वर्ग के आरक्षण में सालना आठ लाख […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 19, 2019 10:28 PM

नयी दिल्ली : पेंशभोगियों के एक मंच ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को आरक्षण के प्रावधानों के मद्देनजर सालाना आठ लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को आयकर से छूट दिये जाने की मांग की है. भारतीय पेंशनर्स मंच का तर्क है कि सामान्य वर्ग के आरक्षण में सालना आठ लाख रुपये तक की आय वालों को आर्थिक रूप से कमजोर मान कर उन्हें आरक्षण के अवसर का पात्र माना गया है. इसलिए आयकर छूट की सीमा भी वर्तमान 2.5 लाख से बढ़ा कर आठ लाख रुपये की जानी चाहिए.

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संगठन के महामंत्री वीएस यादव ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि वर्तमान सरकार ने सवर्णों को दिये 10 फीसदी आरक्षण के लिए आठ लाख रुपये सालाना की आय वालों को गरीब माना है. इसलिए अब सरकार को आठ लाख रुपये तक की आय वालों से आयकर वसूलना भी बंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में आयकर छूट सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये किया जाना चाहिए. तभी सभी को न्याय मिल सकेगा.

संगठन के कहा है कि अपने सभी पेंशनभोगी सदस्यों की ओर से उसने अपनी मांगों को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली को एक ज्ञापन भी भेजा है और वह अपनी अपनी मांगों पर टिका है. वित्त मंत्री अरुण जेटली आगामी पहली फरवरी को 2019-20 का बजट पेश करेंगे. यह बजट अंतरिम बजट होगा.

फिलहाल, 2.5 लाख रुपये सालाना से कम की आय पर 0 फीसदी, 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये सालाना की आय पर आयकर की दर पांच फीसदी है. इसके अलावा, 5 से 10 लाख रुपये की आय पर कर की दर 20 फीसदी और उससे ऊपर की आय पर 30 फीसदी की दर से कर लगाया जाता है.

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