नीति आयोग ने श्रम सुधार लागू करने और कार्यबल में महिलाओं को शामिल करने का दिया सुझाव

नयी दिल्ली : नीति आयोग ने आजादी के 75वें साल में नये भारत के लिए रणनीति पर अपने दस्तावेज में श्रम सुधारों को पूरा करने, महिला कार्यबल की भागीदारी बढ़ाने, न्यूनतम मजदूरी लागू करने और रोजगार आंकड़ा संग्रह में सुधार तथा सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाने का सुझाव दिया है. ‘नये भारत के लिये रणनीति […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 19, 2018 5:53 PM

नयी दिल्ली : नीति आयोग ने आजादी के 75वें साल में नये भारत के लिए रणनीति पर अपने दस्तावेज में श्रम सुधारों को पूरा करने, महिला कार्यबल की भागीदारी बढ़ाने, न्यूनतम मजदूरी लागू करने और रोजगार आंकड़ा संग्रह में सुधार तथा सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाने का सुझाव दिया है. ‘नये भारत के लिये रणनीति @75′ शीर्षक दस्तावेज बुधवार को जारी किया गया.

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आयोग ने प्रोत्साहन और संगठित रूप देने के लिए औद्योगिक संबंधों को आसान बनाने पर जोर देते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर जारी बेहतर गतिविधियों के अनुरूप नौकरी से हटाने पर मुआवजा यानी ‘सेवरेंस पे’ को बढ़ाया जाना चाहिए. आयोग ने विवादों के त्वरित, निष्पक्ष और कम लागत पर निपटान के लिए श्रम विवाद समाधान प्रणाली में भी सुधार लाने तथा समय पर मामलों के निपटान हेतु श्रम अदालतों / न्यायाधिकरणों को मजबूत करने पर जोर दिया है.

कौशल विकास और उद्यमशीलता बढ़ाने का आह्वान करते हुए दस्तावेज में कहा गया है कि श्रम बाजार सूचना प्रणाली (एलएमआईएस) कौशल में कमी, प्रशिक्षण जरूरत और रोजगार सृजन को चिह्नित करने के लिए महत्वपूर्ण है. इसमें कहा गया है कि एलएमआईएस को तत्काल कार्य में लाया जाना चाहिए और सरकार को यह सुनिश्वचित करना चाहिए कि सभी उपक्रमों द्वारा एप्रेन्टिसशिप कार्यक्रमों का व्यापक उपयोग हो. इसके लिए सरकार द्वारा दिये जाने वाले मानदेय को बढ़ाने की जरूरत है.

श्रम सुधारों पर दस्तावेज में श्रम कानूनों को संहिता रूप देने का काम यथाशीघ्र पूरा करने का सुझाव दिया गया है. साथ ही, संगठित क्षेत्र में लागू होने वाले श्रम कानूनों में लचीलेपन और सुरक्षा के साथ इसे सरल बनाने और उसमें सुधार की वकालत की है. श्रम बल में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के बारे में इसमें कहा गया है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हाल में संसद में पारित मातृत्व लाभ (संशोधन) कानून, 2017 तथा कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न निरोधक, रोकथाम और निपटान कानून का नियोक्ता पालन करे.

दस्तावेज के अनुसार, संगठित क्षेत्र में इन कानूनों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना जरूरी है. यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कौशल प्रशिक्षण और एप्रेन्टिसशिप में महिलाएं शामिल हों. रोजगार आंकड़े के बारे में इसमें कहा गया है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अप्रैल, 2017 में शुरू परिवारों का निश्चित अवधि पर होने वाले श्रम बल सर्वे (पीएफएलएस) के लिए आंकड़ों का संग्रह निर्धारित समय पर पूरा हो और आंकड़ों को 2019 तक जारी किया जा सके.

मजदूरी के बारे में दस्तावेज में कहा गया है कि सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर पर न्यूनतम मजदूरी का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए और न्यूनतम वेतन कानून, 1948 को सभी रोजगारों में लागू किया जाना चाहिए. इसके अलावा, मजदूरी का भुगतान चेक या आधार युक्त भुगतान से ही हो. इसके अलावा, दस्तावेज में सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाने का सुझाव दिया गया है.

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