सिविल एविएशन मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने कहा-असहनीय है एयर इंडिया का विरासती कर्ज

नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया की स्थिति में सुधार के लिए किये जा रहे सरकार के प्रयासों के बीच नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि एयर इंडिया ‘भारी कर्ज’ बोझ से जूझ रही है. उसका कर्ज असहनीय है. उसकी विरासती समस्याओं से भी निपटने की जरूरत है. घाटे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 22, 2018 9:56 PM

नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया की स्थिति में सुधार के लिए किये जा रहे सरकार के प्रयासों के बीच नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि एयर इंडिया ‘भारी कर्ज’ बोझ से जूझ रही है. उसका कर्ज असहनीय है. उसकी विरासती समस्याओं से भी निपटने की जरूरत है. घाटे में चल रही एयर इंडिया पर 48,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज होने का अनुमान है. मई में सरकार ने इसके रणनीतिक विनिवेश की कोशिश की थी, जो विफल रही.

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प्रभु ने एक साक्षात्कार में कहा कि एयर इंडिया की एक विरासती समस्या है. उसका कर्ज असहनीय है. एयर इंडिया को छोड़िये कोई भी इसके कर्ज से नहीं निपट सकता. किसी भी विमानन कंपनी के लिए इतने कर्ज के साथ सेवा देना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि इसकी विरासती समस्याओं से कैसे निपटा जाये, उसके तौर-तरीकों पर विचार करने की जरूरत है.

गौरतलब है कि वर्ष 2007 में इंडियन एयरलाइंस का विलय होने के बाद से एयर इंडिया लगातार घाटे का सामना कर रही है. लेखापरीक्षित आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016- 17 में एयर इंडिया पर कुल मिलाकर 47,145.62 करोड़ रुपये का घाटा था.

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