Smart City में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आने का सरकारी दावा

नयी दिल्ली : केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल शहरों में महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी आने का दावा किया है. पुरी ने गुरुवार को मंत्रालय के चार साल के कामों का ब्यौरा पेश करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी के मानकों पर विकसित किये […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 7, 2018 10:07 PM

नयी दिल्ली : केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल शहरों में महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी आने का दावा किया है. पुरी ने गुरुवार को मंत्रालय के चार साल के कामों का ब्यौरा पेश करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी के मानकों पर विकसित किये जा रहे गुजरात के शहर सूरत में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 22 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गयी है. इसमें ‘स्मार्ट इंटेलीजेंस’ जैसी अत्याधुनिक तकनीक अहम भूमिका निभा रही है.

इसे भी पढ़ें : स्मार्ट सिटी के लिए एक सप्ताह के भीतर होगा एसपीवी का गठन

सूरत के परियोजना प्रबंधक की ओर से दी गयी जानकारी पर दावा

उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना की पिछली समीक्षा बैठक में सूरत के परियोजना प्रबंधक ने शहर में आये बदलावों के अध्ययन के आधार पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 22 फीसदी तक गिरावट आने की जानकारी दी. स्मार्ट सिटी परियोजना के प्रभाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि परियोजना में शामिल सभी 99 शहरों में स्मार्ट सिटी परियोजना के कार्यों की समीक्षा और प्रभाव का व्यापक अध्ययन कराया जा रहा है.

1.2 करोड़ में से आठ लाख घर का निर्माण कार्य पूरे

मंत्रालय की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए पुरी ने बताया कि सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) में 1.2 करोड़ घरों के निर्माण के लक्ष्य के तहत अब तक आठ लाख घरों का निर्माण हो चुका है, 27 लाख घर निर्माणाधीन हैं और 47.5 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी दी जा चुकी है. दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पीएमएवाई के नाम पर निजी बिल्डरों द्वारा घर बेचने की शिकायतों के सवाल पर पुरी ने खरीदारों को इस तरह के छद्म विज्ञापनों से आगाह किया.

आजीविका मिशन के तहत 6.5 लाख लोगों को मिला स्वरोजगार

उन्होंने कहा कि मंत्रालय पहले भी स्पष्ट कर चुका है कि पीएमएवाई के तहत चल रही आवास योजनाएं पहले से चिह्नित हैं, खरीदार घर खरीदने से पहले मंत्रालय की वेबसाइट से इसके पीएमएवाई का हिस्सा होने की पुष्टि अवश्य कर लें. पुरी ने बताया कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत इन परियोजनाओं में 6.5 लाख लोगों को स्वरोजगार मिला है, निर्धन वर्ग के 11 लाख शहरी लोगों को कौशल प्रशिक्षण दिया गया और तीन लाख स्वयंसहायता समूह बनाये गये.

17 राज्यों में पूरी तरह शौच समस्या मुक्त शहर बनाने का दावा

इसी तरह 99 स्मार्ट चयनित शहरों में से 91 में परियोजना के संचालन केंद्र (एसपीवी) कार्यरत हैं और नौ शहरों में परियोजना की प्रगति की समीक्षा और निगरानी के लिए अत्याधुनिक तकनीक से युक्त कंट्रोल एवं कमांड केंद्र कार्यरत हैं. स्वच्छता मिशन के तहत 17 राज्यों को पूरी तरह से खुले में शौच की समस्या से मुक्त कराने को पुरी ने बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि कचरे से सालाना 511 मेगावाट बिजली बनाने के लक्ष्य के विपरीत 503 मेगावाट बिजली उत्पादन होने लगा है.

14 स्मार्ट सिटी में शुरू होंगे कंट्रोल एंड कमांड केंद्र

भविष्य की कार्ययोजना के बारे में पुरी ने बताया कि अगले कुछ दिनों में 14 स्मार्ट सिटी में कंट्रोल एंड कमांड केंद्र शुरू किये जायेंगे. इसके अलावा, उन्होंने दिल्ली में लैंड पूलिंग नीति को जुलाई तक डीडीए बोर्ड की मंजूरी मिलने और दिल्ली के मास्टर प्लान में संशोधन की प्रक्रिया भी अगले एक महीने में पूरी होने की उम्मीद जतायी.

Next Article

Exit mobile version