रोजगार की चिंता के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे, जानें

नयी दिल्ली : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम समझ) वाली प्रणालियों के बाजार में आने से रोजगार के अवसरों पर बड़ा प्रभाव पड़ने की चिंताएं हैं लेकिन इसका लाभ इन चिंताओं के मुकाबले कहीं ज्यादा है. पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि ऐसी प्रणालियों से एक तरफ जहां कार्यकुशलता बढ़ेगी, वहीं लागत की बचत […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 15, 2018 4:55 PM

नयी दिल्ली : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम समझ) वाली प्रणालियों के बाजार में आने से रोजगार के अवसरों पर बड़ा प्रभाव पड़ने की चिंताएं हैं लेकिन इसका लाभ इन चिंताओं के मुकाबले कहीं ज्यादा है.

पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि ऐसी प्रणालियों से एक तरफ जहां कार्यकुशलता बढ़ेगी, वहीं लागत की बचत होगी.

‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस – हाइपऑर रीयलिटी’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे में शामिल 68 प्रतिशत प्रतिभागियों का मानना है कि कृत्रिम समझ से उत्पादकता बढ़ेगी, वृद्धि होगी और सामाजिक मुद्दों के समाधान जैसे विभिन्न उपायों से उनके व्यापार को मदद मिलेगी.

ये प्रतिभागी अपने कारोबार के लिए नीति निर्माण से जुड़े हैं. वहीं 65 प्रतिशत प्रतिभागियों ने इस बात से सहमति जतायी, कृत्रिम समझ का देश के रोजगार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.

हालांकि ज्यादातर लोगों का मानना है कि इससे जो लाभ होंगे, वह रोजगार को लेकर चिंता से कहीं अधिक है. कृत्रिम समझ (AI) लोगों के लिए अपने काम को बेहतर करने का अवसर उपलब्ध करायेगा.

साथ ही, इससे काम में लचीलापन और कार्य-जीवन के बीच बेहतर संतुलन की स्थिति बनेगी. रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि कृत्रिम समझ के लिए काफी समय और निवेश की जरूरत है.

इसमें सुझाव दिया गया है कि संगठनों के लिए बेहतर होगा कि वे उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दें, जहां आसानी से स्वचालन हो सकता है. साथ ही कंपनियों को उन क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए जो दक्षता में सुधार, लागत बचत और ग्राहकों तक पहुंच के संदर्भ में अधिक स्पष्ट और तत्काल रिटर्न दे सके.

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