#Relief : इनकम टैक्स रिटर्न भरने की मिली मोहलत, अब पांच अगस्त तक आखिरी दिन

नयी दिल्लीः सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए आयकर रिटर्न भरने वालों को राहत देते हुए पांच दिन की मोहलत दे दिया है. चालू वित्त वर्ष 2016-17 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आज आखिरी तारीख निर्धारित की गयी थी. सरकार की आेर से की गयी नयी घोषणा के तहत अब आयकरदाता आगामी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 31, 2017 10:45 AM

नयी दिल्लीः सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए आयकर रिटर्न भरने वालों को राहत देते हुए पांच दिन की मोहलत दे दिया है. चालू वित्त वर्ष 2016-17 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आज आखिरी तारीख निर्धारित की गयी थी. सरकार की आेर से की गयी नयी घोषणा के तहत अब आयकरदाता आगामी पांच अगस्त तक रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. हालांकि, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने रविवार तक आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई निर्धारित किया था. इसके साथ ही, कहा यह भी जा रहा था कि सीबीडीटी की आेर से आयकर रिटर्न भरने की तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जायेगा.

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आयकर रिटर्न भरते समय इन बातों का रखें ख्याल

1. जो लोग 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की वार्षिक आय की श्रेणी में आते हैं, उनके लिए टैक्स दर में 10 फीसदी से 5 फीसदी की कटौती के बाद टैक्स में 12,500 रुपये की बचत होगी. वहीं, 1 करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक आय वालों की 14,806 रुपये (सरचार्ज और सेस शामिल) की बचत होगी.

2. इसके अलावा, 3.5 लाख रुपये तक वार्षिक आय वालों को 2,500 रुपये (पहले 5,000 रुपये) की टैक्स में रियायत मिलेगी. टैक्स दर और टैक्स छूट में हुए बदलाव के चलते अब 3.5 लाख रुपये वार्षिक आय वालों को महज 2,575 रुपये का टैक्स अदा करना पड़ेगा. पहले उन्हें 5,150 रुपये बतौर टैक्स अदा करना पड़ता था. अमीर टैक्स देने वाले जिनकी वार्षिक आय 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच है उन्हें टैक्स का 10 फीसदी सरचार्ज भी अदा करना होगा.

3. वहीं 1 करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले सुपर रिच को टैक्स पर 15 फीसदी सरचार्ज अदा करना होगा. अचल संपत्ति पर टैक्स के लिए केन्द्र सरकार जहां पहले 3 साल पुरानी संपत्ति को लॉन्ग टर्म मानती थी अब महज 2 साल पुरानी संपत्ति टैक्स के दायरे में आ जायेगी. इस बदलाव से अब आपकी 2 साल पुरानी संपत्ति को बेचने पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा वहीं बेचने के बाद उसे फिर से निवेश करने की स्थिति में वह छूट का हकदार होगा.

4. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में हुए बदलाव का फायदा मिलेगा. सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स में टैक्स आंकलन करने के लिए महंगाई और कैपिटल की गणना का वर्ष 1 अप्रैल,1981 की कीमतों से बढ़ाकर 1 अप्रैल,2001 कर दिया है. इस बदलाव से अब संपत्ति बेचने में मुनाफा कम हो जाएगा. वहीं किसी संपत्ति को बेचने में हुए कैपिटल गेन्स को यदि सरकार द्वारा सूचित बॉन्ड में निवेश किया जाता है तो वह टैक्स छूट का हकदार होगा. जिन लोगों की वार्षिक आय 5 लाख रुपये (गैर-कारोबारी इनकम) तक है उनके लिए 1 पेज का टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी किया जाएगा. इस कैटेगरी में पहली बार टैक्स रिटर्न भरने वालों के फॉर्म की स्क्रूटनी नहीं की जायेगी.

5. वित्त वर्ष 2017-18 के लिए टैक्स रिटर्न भरने में देरी होने की स्थिति में 5,000 रुपये की पेनाल्टी लगेगी यदि रिटर्न 31 दिसंबर 2018 तक दाखिल कर दिया गया है. वहीं 31 दिसंबर के बाद दाखिल रिटर्न पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगेगा. वहीं छोटे टैक्स पेयर्स (5 लाख रुपये तक इनकम) के लिए यह पेनाल्टी 1,000 रुपये की होगी. राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में निवेश पर 2017-18 से टैक्स राहत नहीं मिलेगी. हालांकि, जिन लोगों ने 1 अप्रैल 2017 से पहले ऐसे निवेश पर छूट क्लेम कर लिया है तो उन्हें अगले 2 साल तक छूट का लाभ दिया जायेगा.

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