Economic Survey 2021 : आर्थिक सलाहकार ने कहा, शार्ट टर्म पेन फॉर लॉग टर्म गेन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश कर दिया है. इस रिपोर्ट में जीडीपी ग्रोथ 7.7 तक रहने की उम्मीद जतायी गयी है. वही साल 2021-22 में जीडीपी की ग्रोथ 11 फीसद रहने की उम्मीद है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2021 4:55 PM

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश कर दिया है. इस रिपोर्ट में जीडीपी ग्रोथ 7.7 तक रहने की उम्मीद जतायी गयी है. वही साल 2021-22 में जीडीपी की ग्रोथ 11 फीसद रहने की उम्मीद है. कोरोना संक्रमण के बाद आर्थिक विकास में तेजी की संभावना जतायी गयी है. सर्वे में कहा गया है कि देश की अर्थव्यस्था जबरदस्त तरीके से वापसी करेगी.

आर्थिक सर्वे में अगले वित्त वर्ष में नॉमिनल GDP 15.4% रहने की संभावना जतायी गयी है. आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तीमाही में यह 14.2 फीसदी हो सकता है. आर्थिक सर्वे में ग्रोथ का जो अनुमान लगाया जा रहा है वह RBI और सेंट्रल स्टेटिस्टिक्स ऑफिस (CSS) के तरफ से जारी किये आंकड़ों से काफी मिलता है. आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में अर्थव्यस्था को मजबूत करने वाली योजनाओं को बढ़ाने की सलाह दी गयी है.

मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने कहा, लॉकडाउन के बगैर भी कोरोना ने देश की अर्थव्यस्था पर असर डाला है जबकि लॉकडाउन ने लोगों तक मदद पहुंचायी, लोगों की जिंदगी बचायी और अजिविका की रक्षा की. कोरोना लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यस्था पर नाकारात्मक असर डालने में भूमिका निभायी है लेकिन सर्वे में यह जिक्र है कि इससे भविष्य में पॉजीटिव ग्रोथ में मदद मिलेगी.

Also Read:
Indian Railways News : भारतीय रेल की 65 फीसद ट्रेन पटरी पर, पढ़ें आगे क्या है रणनीति

लॉकडाउन की वजह से कोरोना संक्रमण के मामले में, कोरोना से हुई मौत की संख्या में कमी आयी. इसका असर सिर्फ कुछ राज्यों तक नहीं है बल्कि पूरे देश में असर है. जीवन रक्षक और अजिविका बचाने में भी इसने अहम भूमिका निभायी है. भारत ने एक भविष्य को देखते हुए फैसला लिया जो बहुत परिपक्व और सफल रहा. भारत ने कम समय के लिए दर्द लिया लेकिन भविष्य में बढ़त हासिल करने के लिए. वी शेप रिकवरी भारत को परिपक्व रणनीति निर्माता बनायेगा.

31 मार्च 2021 को खत्म हो रहे चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में रिकॉर्ड 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया गया है . भारत में इससे पहले जीडीपी में 1979-80 में सबसे अधिक 5.2 प्रतिशत का संकुचन हुआ था.

आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र में वृद्धि जारी है, जबकि कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते सेवा, विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए. सर्वेक्षण में कहा गया, ‘‘महामारी के चलते 2020-21 में अनुमानित 7.7 प्रतिशत संकुचन के बाद भारत का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद 2021-22 में 11.0 प्रतिशत और वर्तमान बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद 15.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है.” सर्वेक्षण में कहा गया कि वैक्सीन दिए जाने और आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने के साथ ही ये अनुमान बढ़ भी सकते हैं

Next Article

Exit mobile version