SIR विवाद: विपक्ष की अदालत में बड़ी लड़ाई, तेजस्वी का सीधा BJP पर निशाना
SIR Controversy Bihar: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) को लेकर राजनीतिक विवाद तेज है. तेजस्वी यादव ने इसे भाजपा का षड्यंत्र बताया, जबकि चुनाव आयोग का कहना है कि उद्देश्य केवल डुप्लिकेट, मृत और गैर-निवासी नाम हटाना है. विपक्ष प्रक्रिया को जल्दबाजी और गलत मंशा वाला मान रहा है, मामला कोर्ट में है.
SIR Voter List Revision Tejashwi Yadav Big Statement: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर बिहार समेत केंद्र की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. दिल्ली में इंडिया गठबंधन के नेताओं के जोरदार प्रदर्शन के बाद बिहार विधानसभा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि यह भाजपा का बड़ा षड़यंत्र है.
तेजस्वी यादव ने क्या कहा ?
राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में SIR होने पर कहा, “यह बिहार का दुर्भाग्य है. लगातार कई मतदाताओं का नाम काटा जा रहा है, कई लोगों के पास दस्तावेज नहीं है और कई लोग ऐसे हैं जो बिहार के बाहर रह रहे हैं लेकिन बिहार में ही मतदान करते हैं. यह भाजपा का षड्यंत्र है और भाजपा, चुनाव आयोग को आगे करके अपना काम करवा रही है.”
विजय सिन्हा ने चुनाव आयोग पर थोपा मामला
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि बिहार को जरूरत विशेष पैकेज और विशेष राज्य के दर्जे की थी ताकि बिहार आगे बढ़े लेकिन SIR करवाया जा रहा है. SIR का कोई विरोध नहीं कर रहा है बल्कि उसकी प्रक्रिया का विरोध है. उप मुख्यमंत्री ने तो खुद सारा मामला चुनाव आयोग पर थोप दिया. इस(SIR) पर कल कोर्ट में सुनवाई है. लोग अपने पक्ष को रखेंगे लेकिन कई बार चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट की भी बात को नहीं मान रहा है. चुनाव आयोग संवैधानिक संस्थान होने का दुरुपयोग कर रहा है.
चुनाव आयोग ने क्या कहा ?
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि SIR अभियान का उद्देश्य डुप्लिकेट, मृत और गैर-निवासी मतदाताओं के नाम सूची से हटाना है. आयोग के अनुसार, किसी भी मतदाता का नाम बिना नोटिस और सुनवाई के नहीं काटा जाएगा. 1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट सूची में 7.23 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म जमा हुए हैं. वहीं, विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया जल्दबाजी और गलत मंशा के साथ चलाई जा रही है.
