Prashant Kishor: प्रशांत किशोर राजनीति से लेंगे संन्यास? पटना में लगे पोस्टर से बवाल, पीके के दावे की दिलाई याद

Prashant Kishor: बिहार चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज का सूपड़ा साफ हो गया. एक भी सीट पर जनसुराज के कैंडिडेट नहीं जीत पाये. चुनाव से पहले पीके ने दावा किया था कि जेडीयू अगर 25 सीटों पर नहीं सिमटी तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा. लेकिन इस बार जेडीयू ने 85 सीटों पर बड़ी जीत पाई. जिसके बाद सवाल खड़े हो गये हैं.

By Preeti Dayal | November 16, 2025 11:53 AM

Prashant Kishor: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे घोषित होने के बाद कई तरह के दावों की हवा निकल गई है. जनसुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर जिस तरह से जीत के दावे कर रहे थे, वह पूरी तरह फेल साबित हुए. जनसुराज के एक भी उम्मीदवार जीत नहीं पाये. इस बीच बिहार चुनाव से पहले जेडीयू को लेकर प्रशांत किशोर ने जो दावा किया था, उसकी चर्चा तेज हो गई है.

जेडीयू के खाते में आई 85 सीटें

साथ ही सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या प्रशांत किशोर अब राजनीति से संन्यास ले लेंगे. दरअसल, एक इंटरव्यू में उन्होंने दावा किया था कि जेडीयू इस बार 25 सीटों पर सिमट जाएगी और अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह राजनीति से हमेशा के लिए संन्यास ले लेंगे. जबकि जेडीयू ने इस बार 85 सीटों पर बड़ी जीत पाई. इसके साथ ही एनडीए की सरकार फिर आ गई है. ऐसे में अब प्रशांत किशोर के दावे की याद दिलाई जा रही है.

पटना में लगे पोस्टर

इसके साथ ही जेडीयू को 25 से ज्यादा सीट आने के बाद पटना में एक पोस्टर भी लगाया गया है. उस पोस्टर में प्रशांत किशोर की बड़ी सी तस्वीर है. लेकिन उस तस्वीर में प्रशांत किशोर के चेहरे पर मायूसी है. इसके साथ ही पोस्टर में लिखा है, ‘जदयू को 25 सीट से ज्यादा होने के कारण प्रशांत किशोर ने राजनीति से लिया संन्यास’! इस तरह से इस पोस्टर के सामने आने के बाद चर्चा का बाजार गर्म हो गया है. लेकिन, प्रशांत किशोर की तरफ से क्या कुछ रिएक्शन आते हैं, यह देखना होगा.

क्या बोले उदय सिंह?

बिहार चुनाव के नतीजे के बाद पटना में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने स्पष्ट किया कि जनसुराज चुनावी नतीजों से निराश नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों से किए जा रहे जनसंवाद और जमीनी मेहनत के बावजूद एक भी सीट न मिलना कई सवाल खड़े करता है. उदय सिंह ने दावा किया कि जनता ने पार्टी के एजेंडे को स्वीकार किया, लेकिन अंत में वोट एनडीए के पक्ष में चले गए. उन्होंने यह भी कहा, लोगों में यह भय था कि कहीं राजद सत्ता में वापसी न कर ले. इसी आशंका में जन सुराज को मिलने वाले काफी वोट अंतिम समय पर एनडीए की ओर शिफ्ट हो गए.

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