Bihar Election 2025: नालंदा में घमासान, एनडीए के किले में सेंध लगाने की जुगत में महागठबंधन, सीधा मुकाबला

Bihar Election 2025: नालंदा विधानसभा क्षेत्र से आठ बार विधायक रहे जदयू के कद्दावार नेता श्रवण कुमार को महागठबंधन की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया चुनौती दे रहे हैं. दोनों प्रत्याशी एक ही जाति से हैं, जिससे गोलबंदी तेज हो गयी है. चुनावी तापमान के बीच राजगीर संवाददाता ने लोगों की नब्ज टटोलने की कोशिश है. पेश है विस्तृत रिपोर्ट

By Paritosh Shahi | November 4, 2025 7:21 PM

Bihar Election 2025: नालंदा जिले का नालंदा विधानसभा क्षेत्र जदयू का गढ़ रहा है. यहां से एनडीए की ओर से जदयू के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार इस बार भी मैदान में हैं. उनके सामने महागठबंधन ने कांग्रेस के कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया सामने हैं. दोनों एक ही जाति से आते हैं. इससे एक खास जाति के वोट में बिखराव की आशंका है. इन सबके बीच जदयू को अपने अभेद्य किले को बचाने के लिए जद्दोजहद करना पड़ेगा.

एक ही चर्चा, कौन मारेगा बाजी

दूसरी ओर जदयू के कब्जे से नालंदा सीट को अपने पाले में लाने का कांग्रेस हर संभव प्रयास कर रहा है. कांग्रेस अपने कोर वोट को एकजुट रखने, अपने जातीय वोट को अपनी ओर लाने और नाराज वोटर को मनाने में जुटा है. नालंदा प्राचीन काल से शिक्षा का केंद्र रहा है. गांव के चौपाल से लेकर चाय की दुकानों और खेत-खलिहान से लेकर बाजार तक हर जगह एक ही चर्चा है. इस बार कौन बाजी मारेगा. एनडीए व महागठबंधन के बीच को लड़ाई में जन सुराज की कुमारी पूनम सिन्हा दिलचस्प बनाने में जुटी हैं.

नतीजा सिर्फ इस आधार पर तय नहीं होगा

नालंदा विधानसभा क्षेत्र से कुल 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं, लेकिन मुकाबला सीधे जदयू और कांग्रेस के बीच दिख रहा है. इसी बीच मेरी मुलाकात भूई गांव के रामरूप प्रसाद से हुई. उनका कहना है कि इस बार यहां की लड़ाई रोचक होनेवाली है. नतीजा सिर्फ जातीय समीकरण से तय नहीं होगा. काम के साथ छवि भी वोटर देखेगा. मुकाबला दिलचस्प इसलिए भी है क्योंकि लड़ाई सिर्फ दो दलों की नहीं बल्कि एक जाति के भीतर नेतृत्व और नाराजगी की भी है.

बढ़ौना के सत्येंद्र प्रसाद ने बताया कि रोजगार और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी की गयी है। किसानों की उपजाऊ जमीन पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की साजिश की जा रही है. बेलदार बिगहा के दयानंद प्रसाद सिंह ने कहा कि श्रवण कुमार द्वारा क्षेत्र का चहुमुखी विकास किया गया है. नीरपुर के पंकज कुमार, मोवारकपुर के देवनंदन प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार के विकास कार्यों के कारण जदयू का पलड़ा भारी दिख रहा है. नालंदा विवि से सटे बड़गांव गांव के प्रो अरुण कुमार कहते हैं कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के इर्दगिर्द 52 तालाब हुआ करता था. आजतक उन तालाबों की किसी जनप्रतिनिधि ने खोज खबर नहीं ली.

ग्रामीणों की नाराजगी के बीच वोटों में बिखराव की चिंता

नालंदा विधानसभा क्षेत्र में एयरपोर्ट के लिए बढ़ौना व मेयार मौजा की जमीन सरकार ने ली है. इस कारण यहां के किसानों में स्थानीय विधायक के प्रति नाराजगी है. वहीं, खेल विवि व स्टेडियम बनने के बाद जल की निकासी बेहतर नहीं होने से ठेरा, हिंदूपुर समेत आसपास के गांवों के खेतों में पानी भर जाता है. किसानों ने बताया कि पहले ही खेती की जमीन कम हो गयी है. उस पर पानी भर जाने से फसलों को नुकसान हो रहा है. इनका कहना है कि इनकी नाराजगी नीतीश कुमार से नहीं है. पर, स्थानीय विधायक ने इस समस्या के निराकण के लिए कुछ नहीं किया.

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जातीय गोलबंदी से हो रही है परेशानी

श्रवण कुमार श्याम सुंदर सिंह को चुनाव हराकर नालंदा के विधायक बने थे तब से अब तक लगातार हुए नालंदा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इससे स्पष्ट होता है कि श्रवण कुमार का वर्चस्व नालंदा विधानसभा क्षेत्र में जबरदस्त है लेकिन इस वर्चस्व के भीतर वर्तमान समय में दो खेमे में बट गया है. एक खेमा श्रवण कुमार के साथ दूसरा खेमा कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया के साथ है. बांसवान बीघा के झूलन प्रसाद कहते हैं कि अब लड़ाई पार्टी की नहीं रही कुर्मी के भीतर ही दो खेमा बन गया है.

डेटा एक नजर में

कुल मतदाताओं की संख्या : 3,25,148
महिला मतदाता की संख्या : 1,53,479
पुरुष मतदाता की संख्या : 1,71,660
कुल मतदान केंद्र : 389
कुल प्रत्याशी मैदान में 10

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