लालू-तेजस्वी से मुलाक़ात के बाद क्या बोले अशोक गहलोत? सीट बंटवारे की गुत्थी सुलझाने पहुंचे हैं पटना
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की एकता पर खतरा मंडरा रहा है. 8 से अधिक सीटों पर सहयोगी दलों के आमने-सामने आने से संकट गहरा गया है. डैमेज कंट्रोल के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने बुधवार को पटना में लालू और तेजस्वी यादव से मुलाकात कर गठबंधन में 'सब ठीक है' का भरोसा दिलाया.
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के महागठबंधन के भीतर बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. गठबंधन के सहयोगी दल, जिनमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस शामिल हैं, 8 से अधिक विधानसभा सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर गए हैं. इस स्थिति ने गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस टकराव से गठबंधन को होने वाले संभावित नुकसान को रोकने के लिए RJD और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के लिए समाधान निकालना बेहद ज़रूरी हो गया है.
डैमेज कंट्रोल के लिए अशोक गहलोत ने संभाला मोर्चा
इस अंदरूनी संकट को डैमेज कंट्रोल करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी पर्यवेक्षक अशोक गहलोत बुधवार 22 अक्टूबर को पटना पहुंचे. उन्होंने RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और युवा नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य उन विवादित सीटों पर सहमति बनाना और फ्रेंडली फाइट की स्थिति को खत्म करना था.
लालू यादव और तेजस्वी यादव से बातचीत के बाद, अशोक गहलोत ने एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने गठबंधन की एकजुटता का भरोसा दिलाते हुए कहा कि फिलहाल सब कुछ नियंत्रण में है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि गठबंधन के भीतर की स्थिति को पूरी तरह स्पष्ट करने के लिए गुरुवार, 23 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी, जिससे सभी भ्रम दूर हो जाएँगे.
‘फ्रेंडली फाइट’ ताकत या कमज़ोरी?
गठबंधन के भीतर 243 सीटों में से कुछ पर सहयोगी दलों के आमने-सामने होने की बात को अशोक गहलोत ने खुले तौर पर स्वीकार किया. हालाँकि, उन्होंने इस स्थिति को ‘गठबंधन की कमजोरी’ मानने से साफ इनकार कर दिया. अशोक गहलोत के अनुसार, यह स्थिति स्थानीय कार्यकर्ताओं के अत्यधिक उत्साह या विशेष क्षेत्रीय समीकरणों के कारण पैदा होती है.
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