पूर्व डिप्टी सीएम का नाम कटा तो वहीं मौजूदा डिप्टी सीएम के पास दो वोटर कार्ड, पुनरीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

Bihar SIR: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. विपक्ष ने 65 लाख नाम हटाने का आरोप लगाते हुए इसे ‘वोट चोरी’ बताया, जबकि चुनाव आयोग का कहना है कि उद्देश्य केवल डुप्लिकेट, मृत और गैर-निवासी मतदाताओं को हटाना है, और प्रक्रिया पारदर्शी होगी.

By Nishant Kumar | August 12, 2025 10:01 AM

Bihar Voter List Revision: वोटर लिस्ट विवाद अब सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर पहुंच गया है. आज जस्टिस सुधांशु धूलिया और जॉयमाला बागची की पीठ 28 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. विपक्षी दलों और ADR जैसे सामाजिक संगठनों का कहना है कि मौजूदा प्रक्रिया असंवैधानिक है और इससे 30 लाख से अधिक मतदाता प्रभावित हो सकते हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि आधार, राशन कार्ड और वोटर आईडी को मान्य दस्तावेज माना जाए.

65 लाख मतदाताओं के नाम काटे 

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुए वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है. विपक्ष ने इस प्रक्रिया को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं, इसे ‘वोट चोरी’ का जरिया बताते हुए सत्तारूढ़ एनडीए पर निशाना साधा है. दावा किया जा रहा है कि इस अभियान के तहत 65 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं, जिनमें दलित, अल्पसंख्यक और गरीब प्रवासी शामिल हैं.

पूर्व डिप्टी सीएम का नाम कटा मौजूदा के पास दो वोटर कार्ड 

पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि उनका नाम भी मतदाता सूची से हटा दिया गया है, जबकि मौजूदा डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के पास दो वोटर कार्ड होने की बात सामने आई है. तेजस्वी ने इसे चुनाव आयोग की ‘साजिश’ बताते हुए कहा कि यह गरीब और कमजोर वर्गों को मतदान से दूर रखने की कोशिश है.

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चुनाव आयोग ने क्या कहा ? 

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि SIR अभियान का उद्देश्य डुप्लिकेट, मृत और गैर-निवासी मतदाताओं के नाम सूची से हटाना है. आयोग के अनुसार, किसी भी मतदाता का नाम बिना नोटिस और सुनवाई के नहीं काटा जाएगा. 1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट सूची में 7.23 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म जमा हुए हैं. वहीं, विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया जल्दबाजी और गलत मंशा के साथ चलाई जा रही है.