Election Express: मांझी में नेताओं से जनता का सीधा सवाल, कब मिलेगा रोजगार, कब रुकेगा भ्रष्टाचार
Election Express: रविवार को मांझी विधानसभा क्षेत्र में दलन सिंह उच्च विद्यालय मांझी के प्रांगण में चौपाल का आयोजन हुआ. जहां मौजूद जनता ने नेताओं से कई तीखे सवाल पूछे. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि आदि विषयों पर नेताओं ने भी अपनी बात रखी.
Election Express: छपरा. प्रभात खबर इलेक्शन एक्सप्रेस विधानसभा चुनाव से पहले जनता के बीच पहुंचकर स्थानीय मुद्दों पर बातचीत के साथ नेताओं से सीधा सवाल कर रहा है. रविवार को मांझी विधानसभा क्षेत्र में दलन सिंह उच्च विद्यालय मांझी के प्रांगण में चौपाल का आयोजन हुआ. जहां मौजूद जनता ने नेताओं से कई तीखे सवाल पूछे. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि आदि विषयों पर नेताओं ने भी अपनी बात रखी. चौपाल के दौरान गहमागहमी का माहौल बना रहा. खासकर युवा वर्ग ने मांझी में उच्च शिक्षण संस्थान खोले जाने, रेलवे स्टेशन पर प्रमुख ट्रेनों के ठहराव, पलायन आदि मुद्दों पर सवाल पूछे.
उठा मांझी में उच्च शिक्षण संस्थान की कमी का मुद्दा
मांझी के दलन सिंह उच्च विद्यालय के प्रांगण में रविवार को अपराह्न तीन बजे चौपाल में मांझी के स्थानीय व्यवसायी, कृषक, महिलाएं व बड़ी संख्या में युवा पहुंचे. प्रभात खबर द्वारा आयोजित इस चौपाल में जनता के सीधे सवालों का जवाब देने के लिए स्थानीय सीपीआइएम के विधायक डॉ सत्येंद्र यादव की ओर से जुबैर अहमद प्रतिनिधि के रूप में मौजूद रहे. विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी राणा प्रताप सिंह उर्फ डब्लू सिंह, समाजसेवी प्रो ओम प्रकाश सिंह तथा जनसुराज के नेता उदय शंकर सिंह मौजूद रहे. युवाओं ने विधायक की ओर से प्रतिनिधि से कई तीखे सवाल किये. आरिफ रजा, नियाज अहमद, प्रतीक आदि ने कहा कि हमारे मांझी में उच्च शिक्षण संस्थान की कमी है.
व्यावसायी वर्ग में भी दिखी नाराजगी
कृषि विज्ञान केंद्र में कृषि महाविद्यालय की स्थापना की मांग कई वर्षो से की जा रही है. युवाओं का कहना था कि मांझी काफी चर्चित जगह रहा है. लेकिन यहां स्टेशन पर प्रमुख ट्रेनों का ठहराव ही नहीं है. व्यावसायी वर्ग में भी नाराजगी दिखी. कुछ व्यवसायियों ने कहा कि हमारे यहां जो भी बाजार हैं. वह कुव्यवस्था के शिकार हैं. इसके लिए जनप्रतिनिधियों को जवाबदेही तय करनी होगी. मांझी में महिला डिग्री कॉलेज खोलने, स्थायी बस स्टैंड के निर्माण, नदी घाटों को विकसित करने, संत धरनी दास के मठ को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने व स्थानीय धरोहरों को संरक्षित किये जाने को लेकर भी जनता ने सवाल पूछे.
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