BJP के बयान से गरमाई प्रदेश की सियासत, उपेन्द्र कुशवाहा बोले- महागठबंधन स्वार्थी लोगों के बीच की एक दोस्ती

Bihar Political News: बिहार की सियासत में बयानबाजी तेज हो गई है. RLM अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन को स्वार्थी और असमंजस से भरा बताया, जबकि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने राहुल गांधी के दौरे को विफल करार देते हुए विपक्ष पर सत्ता के लिए बेचैनी का आरोप लगाया. दोनों नेताओं के बयान से चुनावी माहौल गर्माने लगा है.

By Nishant Kumar | August 25, 2025 4:44 PM

Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार की सियासत में इन दिनों बयानबाजी का दौर तेज हो गया है. एक तरफ राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन पर तीखा हमला बोला है, तो दूसरी तरफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने राहुल गांधी और विपक्षी गठबंधन को आड़े हाथों लिया है. दोनों नेताओं ने विपक्षी गठबंधन की नीयत और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जनता अब इनके इरादों को समझ चुकी है.

उपेन्द्र कुशवाहा ने क्या कहा ? 

उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन को पूरी तरह अवसरवादी और स्वार्थ पर आधारित करार दिया. उन्होंने कहा कि, “महागठबंधन स्वार्थी लोगों के बीच की एक दोस्ती है. इसमें हर तरह से असमंजस ही असमंजस है. इस तरह का गठबंधन जनता के हित का क्या ख्याल रखेगा?” कुशवाहा का मानना है कि जब राजनीतिक दल केवल अपने-अपने फायदे और सत्ता की भागीदारी के लिए एकजुट होते हैं, तो आम जनता के मुद्दे पीछे छूट जाते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने पहले भी ऐसे गठबंधनों का सच देखा है और इस बार भी लोग इन्हें पूरी तरह से नकार देंगे.

BJP प्रदेशाध्यक्ष ने क्या कहा ? 

वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका बिहार दौरा पूरी तरह विफल रहा. जायसवाल ने कहा, “देश के मतदाता, विशेषकर बिहार के मतदाताओं ने इनके आरोपों को स्पष्ट रूप से नकार दिया है. राहुल गांधी बिहार में जो माहौल बनाने का प्रयास कर रहे थे, उनकी हवा निकल गई.” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब देश का सर्वोच्च न्यायालय किसी मामले की निगरानी कर रहा है, तो उसपर भरोसा क्यों नहीं किया जा रहा. जायसवाल ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल केवल सत्ता पाने के लिए बेचैन हैं और उनके पास जनता से जुड़ा कोई ठोस एजेंडा नहीं है.

अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में जुटे राजनीतिक दल 

दोनों नेताओं के इन बयानों से साफ है कि बिहार की राजनीति एक बार फिर तेज होती नजर आ रही है. एक तरफ जहां उपेंद्र कुशवाहा विपक्षी महागठबंधन को अवसरवाद और असमंजस की राजनीति बता रहे हैं, वहीं भाजपा राहुल गांधी और I.N.D.I.A गठबंधन को जनता से कट चुका करार दे रही है. आने वाले चुनावों से पहले इस तरह की बयानबाजी से स्पष्ट है कि राजनीतिक दल अपने-अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में जुट गए हैं. बिहार की जनता इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच किसे अपना समर्थन देती है, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल सियासी हलचल और गर्माने लगी है.

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