Bihar Politics: BJP ने पूर्व केंद्रीय मंत्री को सस्पेंड करते हुए थमाया कारण बताओ नोटिस, पूछा- क्यों ना करें पार्टी से बाहर

Bihar Politics: बिहार चुनाव 2025 के नतीजों के ठीक अगले दिन बीजेपी ने बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा के पूर्व सांसद आरके सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है. साथ ही कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है.

By Abhinandan Pandey | November 15, 2025 2:41 PM

Bihar Politics: बिहार में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के अगले ही दिन BJP ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा के सांसद रह चुके आरके सिंह को पार्टी से निलंबित किया गया है. पार्टी ने इसको लेकर लेटर भी जारी किया है. जिसमें लिखा गया है कि आपकी गतिविधियां पार्टी के विरोध में हैं. जिससे नुकसान हुआ है. आपको क्यों न पार्टी से निष्काषित किया जाए. इसका आप 7 दिन में जवाब दें.

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बीजेपी और एनडीए की रणनीतियों पर उठा रहे थे सवाल

आरके सिंह 2013 में बीजेपी का दामन थामे थे. चुनाव प्रचार के दौरान वे लगातार बीजेपी और एनडीए की रणनीतियों पर सवाल खड़े कर रहे थे. उन्होंने सम्राट चौधरी, जदयू के अनंत सिंह और आरजेडी के सूरजभान सिंह को भी हत्या का आरोपी बताया था. इसके साथ ही उन्होंने ऐसे लोगों को वोट नहीं देने की अपील भी की थी. आरके सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि ऐसे लोगों को वोट देने से अच्छा है चुल्लू भर पानी में डूबकर मार जाना.

कटिहार की मेयर को भी कारण बताओ नोटिस

इसके साथ ही भाजपा ने कटिहार से MLC अशोक अग्रवाल और कटिहार की मेयर उषा अग्रवाल के ऊपर भी कार्रवाई की है. इन दोनों को भी तत्काल रूप से पार्टी ने निलंबित किया है. बीजेपी ने इन दोनों से भी एक हफ्ते में जवाब मांगा है.

अडाणी समूह के साथ हुए समझौते पर आरके सिंह ने क्या लगाया था आरोप?

पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने अडाणी समूह के साथ हुए बिजली खरीद समझौते को लेकर बड़ा दावा किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि बिहार सरकार ने अडाणी पावर लिमिटेड के साथ जो 25 साल का बिजली खरीद एग्रीमेंट किया है, वह राज्य की जनता के साथ सीधा धोखा है और इसमें भारी वित्तीय अनियमितताएं की गई हैं.

आरके सिंह ने अडाणी समूह के साथ हुए एग्रीमेंट में गड़बड़ी का भी किया था दावा

आरके सिंह के मुताबिक, इस समझौते के तहत बिहार सरकार अडाणी समूह से 6 रुपये 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदेगी, जबकि वर्तमान बाजार दर इससे काफी कम है. उनके अनुसार, इतने महंगे दाम पर बिजली लेने का सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा और आने वाले वर्षों में बिजली बिलों का बोझ कई गुना बढ़ जाएगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि एग्रीमेंट की शर्तों और आवंटन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है.

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