Bihar Elections 2025 : इस बार 56 लाख ज्यादा पड़े वोट, प्रवासी मजदूर और Gen Z बने X फैक्टर?
बिहार चुनाव 2025 में 64.66% मतदान हुए हैं. पहले चरण के मतदान ने बीते 5 बार के विधानसभा चुनाव यानी 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इसके पीछे मुख्य वजह प्रवासी मजदूर और Gen Z माने जा रहे हैं. प्रशांत किशोर का मानना है कि14 नवंबर को बिहार का नया इतिहास लिखा जाएगा.
Bihar Elections 2025 : बिहार विधानसभा के 2025 के मतदान ने सभी को अचंभित कर दिया है. पहले चरण के मतदान में 64.66 फीसद मतदान हुए हैं. इससे सभी राजनीतिक दल उत्साहित हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि मतदान के आंकड़ों ने 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सभी राजनीतिक दल इस बढ़े मत फीसद को अपने-अपने नजरिए से देख रहे है. जहां NDA इसे सरकार पर जनता के बढ़े भरोसे के रूप में देख रही है, तो वहीं महागठबंधन इसे सरकार के खिलाफ जनता का आक्रोश बताकर सत्ता परिवर्तन के लिए घर-घर से निकली आवाज मान रहा है.
14 तारीख को लिखा जाएगा इतिहास?
इधर, चुनावी रणनीतिकार से जन सुराज पार्टी खड़ी करने वाले प्रशांत किशोर भी मतदान के बढ़े हुए प्रतिशत की अपनी तरह से देख रहे हैं. गयाजी में रैली के दौरान उन्होंने कहा, 14 तारीख को बिहार में इतिहास लिखा जाएगा. जनता नए विकल्प तलाश रही थी. जन सुराज पार्टी ने जनता को JAN SURAAJ के रूप में नया विकल्प दिया है. जिसका नतीजा है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में मत फीसद बढ़ा है.
मत फीसद बढ़ने के पीछे नीतीश और 10 हजार नहीं – प्रशांत
प्रशांत किशोर ने वोटों प्रतिशत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, वोटों का प्रतिशत बढ़ाने के पीछे प्रवासी मजदूर हैं. उन्होंने कहा, ‘इस बढ़े हुए वोट प्रतिशत के पीछे X फैक्टर प्रवासी मजदूर हैं. जो छठ के दौरान बिहार आए हुए थे. उन्होंने अपना और अपने परिजनों का वोट नए विकल्प को कराया है.’ प्रशांत किशोर ने कहा, ‘इसकी मुख्य वजह नीतीश कुमार, 10 हजार रुपये और महिलाओं को मिलने वाली सुविधा नहीं है. इस बार विधानसभा चुनाव में उनके सामने विकल्प के रूप में जन सुराज है.’
बदलाव के लिए निकले Gen Z, बढ़ाया मत प्रतिशत
प्रशांत किशोर ने युवाओं और Gen Z को भी वोट फीसद बढ़ाने के पीछे का X फैक्टर माना है. उन्होंने नीतीश कुमार और बीजेपी के कामों के प्रभाव को सिरे से नकार दिया है. उन्होंने गयाजी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि ये वोटिंग बदलाव के लिए हुई है. जिससे मतों का प्रतिशत बढ़ा है.
मत प्रतिशत में बढ़ोतरी, नंबर का खेल
इस बार प्रथम चरण के मतदान में 56 लाख अधिक मतदाताओं ने वोट किया है. SIR (मतदाता पुनरीक्षण) से पहले कुल मतदाता 7,89,00,000 यानी 7.89 करोड़ थे. SIR से 65 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए. ये वो मतदाता थे, जो बिहार में नहीं रह रहे थे या उनकी मौत हो चुकी थी. बावजूद वो मतदाता सूची में बने हुए थे। इनमें मृत मतदाता 22 लाख+ थे और विस्थापित मतदाता 35 लाख पाए गए. दो जगह नाम वाले भी 7 लाख मतदाता थे. दावा-आपत्ति के बाद हटे मतदाता 3,66,742 थे. वहीं, 21,53,343 नए मतदाता जोड़े गए. अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को जारी की गई थी. चुनाव आयोग के अनुसार बिहार में 41,92,357 कुल मतदाता पाए गए. इनमें 14 लाख+ नए मतदाता पाए गए. जिनमें 1,725 मतदाता थर्ड जेंडर शामिल हैं.
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