बिहार चुनाव से पहले जीतन राम मांझी का बड़ा बयान, बोले- इतनी सीटें चाहिए तब पार्टी को मिलेगी राज्यस्तरीय दल की मान्यता

Bihar Election 2025: नई दिल्ली में आयोजित हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अधिवेशन में जीतन राम मांझी ने विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि पार्टी का लक्ष्य इतनी सीटें जीतना है कि उसे राज्यस्तरीय दल की मान्यता मिल सके.

By Abhinandan Pandey | September 4, 2025 9:37 PM

Bihar Election 2025: नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में गुरुवार को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुआ. पार्टी संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मंच से साफ कहा कि उनकी पार्टी का लक्ष्य बिहार विधानसभा में इतनी सीटें जीतना है कि उसे राज्यस्तरीय दल की मान्यता मिल सके. इसके लिए उन्होंने छह प्रतिशत वोट शेयर और सात से आठ विधायकों की आवश्यकता बताई.

एनडीए की बैठक में रखेंगे अपनी मांग

मांझी ने कहा कि एनडीए की आगामी बैठक में वे इस मांग को प्रमुखता से उठाएंगे. चिराग पासवान के अधिक सीटों की मांग पर उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि चिराग एनडीए से अलग जाएंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि “चिराग को भी पर्याप्त सीटें देकर संतुष्ट किया जाएगा.

विपक्ष पर साधा निशाना

विपक्षी नेताओं द्वारा हाल में की गई निजी टिप्पणियों पर मांझी ने कहा कि विरोधियों ने मानसिक संतुलन खो दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता पर की गई अशोभनीय टिप्पणी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस बयान ने एनडीए की जीत लगभग सुनिश्चित कर दी है.

मुख्यमंत्री रहते लिए 34 बड़े फैसले

अपने कार्यकाल को याद करते हुए मांझी ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने 34 बड़े फैसले लिए थे, जिनमें से कुछ का आज तक अनुपालन नहीं हुआ है. उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि समय रहते उन फैसलों को लागू किया जाए ताकि जनता को उसका लाभ मिल सके.

संतोष सुमन ने किया कार्यकर्ताओं का आह्वान

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष सुमन ने कार्यकर्ताओं से चुनावी तैयारी में जुट जाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, “नेतृत्व पर भरोसा रखें, हम आपकी अपेक्षा अनुरूप सीटें लेंगे. इसके लिए जो भी करना होगा, हम करेंगे.”

निंदा प्रस्ताव और नई मांगें

बैठक में प्रधानमंत्री की माता को अपमानित करने वाले बयान पर इंडिया गठबंधन के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया. साथ ही प्रत्येक दलित परिवार को पांच डिसमिल जमीन पर घर बनाने की मांग, समान शिक्षा प्रणाली लागू करने समेत दस प्रस्तावों पर सहमति बनी.

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