Bihar Election 2025: बीजेपी ने बिहार चुनाव में सीएम मोहन यादव को मैदान में उतारा, पार्टी के लिए साबित हुए हैं ट्रंप कार्ड
Bihar Election 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर खास रणनीति बनाई है. उन्होंने कार्यकर्ताओं को मंत्र दिया है कि पार्टी तब जीतती है, जब हर बूथ मजबूत होता है. प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि हर बूथ कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में मोदी है. इस तरह उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंक दी है. उनकी ही परिपाटी पर चलते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी बिहार चुनाव के लिए कमर कस ली है. वे बिहार दौरे पर हैं. उन्होंने गुरुवार को विक्रम विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी सिद्धार्थ सौरभ के समर्थन में एक सभा को संबोधित किया. उन्होंने RJD और कांग्रेस पर भी निशाना भी साधा और कहा कि बिहार की जनता ने जंगलराज देखा है.
Bihar Election 2025: पार्टी संगठन में सीएम मोहन यादव की स्टार प्रचारक की छवि है. यही वजह है कि प्रदेश के मुखिया ने इसी साल हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में जबरदस्त प्रचार किया था. उन्होंने दिल्ली चुनाव में हरी नगर, मुस्तफाबाद, मालवीय नगर, विकासपुरी, नफजगढ़, त्रिनगर, उत्तम नगर, नांगलोई, बादली, रोहिणी और मादीपुर सीटों पर प्रचार किया था. इनमें से एक छोड़कर पार्टी बाकी सारी सीटें जीत गई थी. पिछले साल लोकसभा चुनाव में उन्होंने उत्तर प्रदेश में प्रचार किया था. उन्होंने देवरिया लोकसभा से पार्टी प्रत्याशी शशांक मणि त्रिपाठी और राबर्ट्सगंज लोकसभा की दुद्धी विधानसभा उप चुनाव के प्रत्याशी श्रवण सिंह गोंड के समर्थन में जनसंपर्क और रोड शो किया था.
हरियाणा-कश्मीर में चला था मोहन यादव का जादू
यादव यादव ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर लोकसभा चुनाव में भी जोरदार प्रचार किया था. उनके दौरों की खास बात यह रही कि वे हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में जहां-जहां गए, वहां-वहां की सीटें बीजेपी जीत गई. उन्होंने हरियाणा की 5 विधानसभा सीटों भिवानी, दादरी, तोशाम, झज्जर और बवानी खेड़ा में जनसभाएं की थी. इनमें चार सीटों पर पार्टी जीत गई थी. उन्होंने जम्मू-कश्मीर की सांबा में प्रचार किया था. यह सीट भी पार्टी के खाते में गई थी.
क्यों खास हैं मोहन यादव?
मुख्यमंत्री मोहन यादव के खास होने के पीछे कई कारण हैं. उन्होंने 13 दिसंबर 2023 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. शपथ लिए हुए अभी 3 ही महीने हुए थे कि उनकी परीक्षा का वक्त आ गया. उस वक्त लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी उनके नेतृत्व में प्रदेश की सभी 29 सीटें जीत गई. यह प्रदेश के इतिहास में अपने आप में एक रिकॉर्ड है. उनके नेतृत्व में बीजेपी ने कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा को भी ढहा दिया था.
