Bihar Election 2025: ‘ये लोग सिर्फ लूटने और बिहार को बर्बाद करने के लिए…’, सम्राट चौधरी का तेजस्वी पर हमला
Bihar Election 2025: बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी यादव के चार बड़े ऐलानों ने सियासी हलचल बढ़ा दी है. एनडीए नेताओं ने इन वादों को छलावा बताते हुए पलटवार किया है. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और चिराग पासवान ने तेजस्वी पर तीखे प्रहार किए हैं.
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के चार बड़े ऐलानों के बाद सियासी माहौल गर्मा गया है. बुधवार को तेजस्वी यादव ने चुनावी मंच से रोजगार और सामाजिक सुरक्षा को लेकर कई वादे किए. लेकिन, एनडीए नेताओं ने तुरंत पलटवार करते हुए इन घोषणाओं को “सपनों की राजनीति” करार दिया.
लालू-राबड़ी के शासन में बिहार के लोगों को लूटा गया- सम्राट चौधरी
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा, “पहले तो ये बताएं कि उनके माता-पिता के 15 साल के शासन में कितनों को नौकरी मिली? लालू-राबड़ी सरकार के वक्त बिहार के लोगों को लूटा गया, विकास की जगह भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया. अब वही परिवार लाखों सरकारी नौकरियों का सपना दिखा रहा है. ये लोग सिर्फ जनता को बरगलाने के लिए जाने जाते हैं, काम करने के लिए नहीं.”
सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि आज बिहार में सुशासन और पारदर्शिता है, जबकि राजद शासन में जातिवाद और भ्रष्टाचार चरम पर था. उन्होंने तेजस्वी के वादों को “झूठ की झड़ी” बताया.
चिराग पासवान बोले- जनता अब भावनाओं में नहीं आने वाली
वहीं, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा, “मेरी समझ से परे है कि ये लोग किस दुनिया में रह रहे हैं. जब दूसरे चरण का नामांकन भी पूरा हो चुका है, तब ऐसी घोषणाएं जनता को भ्रमित करने का प्रयास हैं. दरअसल, यह उनके भीतर के डर और बिखरते गठबंधन को छिपाने की कोशिश है.”
चिराग ने कहा कि बिहार की जनता अब भावनाओं में नहीं आने वाली. “लोग जानते हैं कि किसने काम किया और किसने सिर्फ परिवार का हित साधा। बिहार विकास के रास्ते पर है और जनता फिर से एनडीए पर भरोसा जताएगी.”
एनडीए ने बताया चुनावी जुमलेबाजी
तेजस्वी यादव के ऐलानों ने जहां महागठबंधन खेमे में जोश बढ़ाया है, वहीं एनडीए ने इसे चुनावी “जुमलेबाजी” बताकर सीधा हमला बोला है. अब देखना यह होगा कि इन बयानों की इस सियासी जंग में जनता किस पर भरोसा करती है. नीतीश सरकार द्वारा चलाई जा रही पुरानी योजनाओं पर या विपक्ष द्वारा की जा रही नई घोषणाओं पर.
