‘2005 में मेरे पिता ने दी थी पार्टी की कुर्बानी…’, चिराग बोले- महागठबंधन सिर्फ वोट बैंक के लिए करता है मुसलमानों का इस्तेमाल

Bihar Election 2025: बिहार में महागठबंधन द्वारा तेजस्वी यादव को सीएम और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद मुस्लिम समुदाय में नाराज़गी बढ़ी है. इसी बीच चिराग पासवान ने राजद पर मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक समझने का आरोप लगाया.

By Abhinandan Pandey | October 25, 2025 11:21 AM

Bihar Election 2025: बिहार की सियासत में महागठबंधन द्वारा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में तेजस्वी यादव और डिप्टी सीएम फेस के तौर पर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की घोषणा के बाद नया विवाद खड़ा हो गया है. इस फैसले के बाद मुस्लिम समुदाय के बीच असंतोष बढ़ता दिख रहा है. कई मुस्लिम संगठनों और सोशल मीडिया यूजर्स ने 18 फीसदी आबादी वाले समुदाय को सत्ता में हिस्सेदारी न देने पर सवाल उठाए हैं.

2005 में मेरे पिता ने मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठाई थी- चिराग पासवान

इस बीच लोजपा (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने महागठबंधन पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने अपने पिता और दलित-महादलित राजनीति के प्रखर नेता स्व. रामविलास पासवान के पुराने रुख की याद दिलाते हुए कहा कि 2005 में उनके पिता ने बिहार में मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठाई थी, लेकिन तब भी राजद तैयार नहीं था.

चिराग बोले- मुस्लिम सीएम बनाने के लिए मेरे पिता ने दी थी पार्टी की कुर्बानी

चिराग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा पर लिखा- 2005 में मेरे नेता, मेरे पिता रामविलास पासवान जी ने मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी पार्टी तक कुर्बान कर दी थी, लेकिन तब भी मुसलमानों ने उनका साथ नहीं दिया. आज 2025 में भी राजद न मुस्लिम मुख्यमंत्री देने को तैयार है, न उपमुख्यमंत्री! अगर आप वोट बैंक बनकर रहेंगे, तो सम्मान और भागीदारी कैसे मिलेगी?”

‘मुसलमानों का इस्तेमाल सिर्फ वोट बैंक के लिए…’

चिराग ने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन मुसलमानों का इस्तेमाल सिर्फ वोट बैंक के तौर पर करता है. उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव यादव समाज से आते हैं जिनकी आबादी 13 फीसदी है, जबकि मुकेश सहनी साहनी समाज से हैं, जिनकी आबादी महज 2 फीसदी है. फिर भी इन्हें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बना दिया गया, जबकि 18 फीसदी मुसलमानों को सत्ता में कोई स्थान नहीं मिला.”

चिराग पासवान का यह बयान न सिर्फ महागठबंधन के भीतर जातीय समीकरणों पर नई बहस छेड़ता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि एनडीए इस बार मुस्लिम मतदाताओं को लेकर एक नई सियासी रणनीति पर काम कर रहा है. जिससे बिहार चुनाव में एनडीए को फायदा हो सकता है.

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