Bihar Election 2025: ‘स्वार्थी लोगों को मौका दे रही BJP’, टिकट कटने पर भड़के पूर्व मंत्री

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले BJP में टिकट को लेकर घमासान मचा है. मुजफ्फरपुर की औराई सीट पर मौजूदा विधायक रामसूरत राय का टिकट काटकर रमा निषाद को उम्मीदवार बनाने के फैसले से विवाद गहराया है और पार्टी में असंतोष बढ़ गया है.

By Anshuman Parashar | October 15, 2025 5:09 PM

Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव करीब आते ही टिकट बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के भीतर खींचतान तेज हो गई है. मुजफ्फरपुर जिले की औराई विधानसभा सीट अब सियासी हलचल का केंद्र बन गई है. BJP ने मौजूदा विधायक रामसूरत राय का टिकट काटकर पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी रमा निषाद को उम्मीदवार बनाया है, जिसके बाद विवाद गरम हो गया है.

रामसूरत राय ने पार्टी फैसले पर उठाए सवाल

पूर्व मंत्री रामसूरत राय ने सोशल मीडिया एक्स पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि ‘2020 के विधानसभा चुनाव में मैंने औराई विधानसभा क्षेत्र से, 48 हजार से भी ज्यादा वोट से महागठबंधन के प्रत्याशी को हराया था. यह पूरे बिहार में तब जीत का सबसे बड़ा मार्जिन था. पूरे 5 वर्ष तक मैंने औराई विधानसभा क्षेत्र में सड़क, बिजली, पुल सहित अन्य विकास कार्यों की झड़ी लगा दी. तन, मन, धन से क्षेत्र के जनता की सेवा की.

इसका गवाह बिहार का पूरा प्रदेश नेतृत्व है. इसके बावजूद मेरा टिकट काट कर उन अजय निषाद की पत्नी को टिकट दिया गया है जो 2024 लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर भाजपा को छोड़कर कांग्रेस से चुनाव लड़े और हारे. अब फिर से भाजपा में आने के बाद, उनकी पत्नी को टिकट दे दिया गया है. स्वार्थी और अवसरवादी तत्वों को पार्टी बढ़ावा मिलने से भाजपा कार्यकर्ता भी आहत हैं. पार्टी को इस विषय पर विचार करना चाहिए’.

रामसूरत राय का राजनीतिक सफर

रामसूरत राय ने 2010 में पहली बार भाजपा के टिकट पर औराई विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी. 2015 में वे RJD प्रत्याशी से हार गए थे, लेकिन 2020 में उन्होंने शानदार वापसी करते हुए बड़ी जीत हासिल की और नीतीश कुमार कैबिनेट में मंत्री भी बने.

BJP ने रमा निषाद पर जताया भरोसा

वर्तमान विधानसभा चुनाव में BJP ने औराई सीट से रमा निषाद को उम्मीदवार बनाया है. वे मुजफ्फरपुर के पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी हैं. अजय निषाद 2024 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे. अब वे दोबारा भाजपा में लौट चुके हैं, और पार्टी ने एक बार फिर उनके परिवार पर भरोसा जताया है.

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