New IT Rules: अब सरकार बोली- सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकेंगे नये नियम, यूजर्स को डरने की जरूरत नहीं; Koo पर पोस्ट कर Twitter को दिया संदेश

New IT Rules: सोशल मीडिया कंपनियों के लिए केंद्र सरकार ने जो नयी गाइडलाइन्स बनायी हैं, उन्हें लेकर फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम ने जो रवैया अपनाया है, उसपर सरकार सख्त नजर आ रही है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को Koo पर एक पोस्ट किया, जिसमें सोशल मीडिया कंपनियों के लेकर बनाये गए नये नियमों पर सरकार का पक्ष रखा. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नये नियम सिर्फ सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए ही बनाये गए हैं. स्वदेशी माइक्रोब्लॉगिंग साइट 'कू' पर सरकार का पक्ष रखकर ऐसा लग रहा है कि इन कंपनियों को बड़ा संदेश दिया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2021 5:04 PM

New IT Rules: सोशल मीडिया कंपनियों के लिए केंद्र सरकार ने जो नयी गाइडलाइन्स बनायी हैं, उन्हें लेकर फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम ने जो रवैया अपनाया है, उसपर सरकार सख्त नजर आ रही है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को Koo पर एक पोस्ट किया, जिसमें सोशल मीडिया कंपनियों के लेकर बनाये गए नये नियमों पर सरकार का पक्ष रखा. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नये नियम सिर्फ सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए ही बनाये गए हैं. स्वदेशी माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘कू’ पर सरकार का पक्ष रखकर ऐसा लग रहा है कि इन कंपनियों को बड़ा संदेश दिया जा रहा है.

आपको बता दें कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि व्हाट्सऐप यूजर्स को नये सोशल मीडिया नियमों से डरने की कोई जरूरत नहीं है और ये नियम इन मंचों के दुरुपयोग को रोकने के लिए तैयार किये गए हैं उन्होंने आगे कहा कि नये नियमों के तहत यूजर्स के पास शिकायत निवारण के लिए एक मजबूत तंत्र होगा. प्रसाद ने कहा कि सरकार सवाल पूछने के अधिकार सहित आलोचनाओं का स्वागत करती है.

Koo पर पोस्ट किया, साथ ही Tweet भी

प्रसाद ने माइक्रो-ब्लॉगिंग मंच कू पर पोस्ट किया और साथ ही ट्वीट भी किया, नये नियम किसी दुर्व्यवहार और दुरुपयोग की स्थिति में सोशल मीडिया के सामान्य यूजर्स को सशक्त बनाते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार निजता के अधिकार को पूरी तरह से मानती है और उसका सम्मान करती है. प्रसाद ने कहा, व्हाट्सऐप के आम यूजर्स को नये नियमों से डरने की कोई जरूरत नहीं है. इनका मूल मकसद यह पता लगाना है कि नियमों में उल्लिखित विशिष्ट अपराधों को अंजाम देने वाले संदेश को किसने शुरू किया.

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उन्होंने कहा कि नये आईटी नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को एक भारत केंद्रित शिकायत निवारण अधिकारी, अनुपालन अधिकारी और नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी, ताकि सोशल मीडिया के लाखों उपयोगकर्ताओं को उनकी शिकायत के निवारण के लिए एक मंच मिल सके.

‘निजता का उल्लंघन नहीं’

सरकार ने नये डिजिटल नियमों का पूरी निष्ठा के साथ बचाव करते हुए बुधवार को कहा कि वह निजता के अधिकार का सम्मान करती है और व्हाट्सऐप जैसे संदेश मंचों को नये आईटी नियमों के तहत चिन्हित संदेशों के मूल स्रोत की जानकारी देने को कहना निजता का उल्लंघन नहीं है. इसके साथ ही सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से नये नियमों को लेकर अनुपालन रिपोर्ट मांगी है. व्हाट्सऐप ने सरकार के नये डिजिटल नियमों को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है, जिसके एक दिन बार सरकार की यह प्रतिक्रिया आयी है. व्हाट्सऐप का कहना है कि कूट संदेशों तक पहुंच उपलब्ध कराने से निजता का बचाव कवर टूट जाएगा.

नियमों का पालन न करने पर क्या होगा?

नये नियमों की घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी. इस नये नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों (जिनके देश में 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं) को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी. इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और भारत स्थित शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं. नियमों का पालन न करने पर इन सोशल मीडिया कंपनियों को अपने इंटरमीडिएरी दर्जे को खोना पड़ सकता है. यह स्थिति उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके द्वारा होस्ट किये गए डेटा के लिए देनदारियों से छूट और सुरक्षा प्रदान करती है. दूसरे शब्दों में इसका दर्जा समाप्त होने के बाद शिकायत होने पर उन पर कार्रवाई की जा सकती है. (इनपुट : भाषा)

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