TrueCaller Data For Sale: 850 रुपये में बिक रहा 80 करोड़ भारतीय यूजर्स का डेटा, फेसबुक पर लगा है बाजार

Truecaller Data, Sale, Data Breach: ट्रूकॉलर यूजर्स का डेटा एक बार फिर खतरे में है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस कॉलर आइडेंटिफिकेशन ऐप के करोड़ों भारतीय यूजर्स के नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी 850 रुपये की दर से ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इतने बड़े डेटाबेस का यह बाजार सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर लगा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2020 11:31 PM

TrueCaller, Facebook, Data, Sale, Data Breach: ट्रूकॉलर यूजर्स का डेटा एक बार फिर खतरे में है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस कॉलर आइडेंटिफिकेशन ऐप के करोड़ों भारतीय यूजर्स के नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी 850 रुपये की दर से ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इतने बड़े डेटाबेस का यह बाजार सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर लगा है.

इंडिया टुडे में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, एक नये बने पोर्टल पर “80 करोड़ ट्रूकॉलर वेरिफाइड डेटाबेस” खुली खरीद के लिए पेश किया गया है. चौंकाने वाली बात यह है कि उपरोक्त डेटाबेस बेचनेवाला पोर्टल जहां यह दावा कर रहा है कि यह ट्रूकॉलर यूजर्स का वेरिफाइड डेटा है, वहीं इस मशहूर कॉलर आइडेंटिफिकेशन ऐप के अधिकारियों ने अपने डेटा बैंक से किसी भी तरह के डेटालीक से इनकार करते हुए कहा है कि उसके सभी यूजर्स का डेटा पूरी तरह से सुरक्षित है.

रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रूकॉलर के प्रवक्ता ने इस बारे में कहा है कि हमारे डाटाबेस में किसी तरह की सेंध नहीं लगी हैं. हमारी सभी सूचनाएं सुरक्षित हैं. हम अपने यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर काफी गंभीर हैं और लगातार संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी करते हैं.

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आपको बता दें कि बीते मई महीने में भी मीडिया में ऐसी खबरें आयी थीं कि एक साइबर अपराधी ने 4.75 करोड़ भारतीयों के रिकॉर्ड को बिक्री के लिए पेश किया है. खबरों के मुताबिक, इस साइबर अपराधी ने दावा किया था कि उसने यह रिकॉर्ड ऑनलाइन डायरेक्टरी ट्रूकॉलर से हासिल किया है. उसने इसे 75,000 रुपये में बेचने की पेशकश की थी. तब ऑनलाइन इंटेलिजेंस कंपनी साइबल ने यह जानकारी दी थी.

गौर करनेवाली बात यह है कि उस समय भी ट्रूकॉलर ने अपने डेटाबेस में किसी तरह की सेंध से इनकार किया था. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि इस डेटाबेस को कंपनी के नाम का इस्तेमाल कर इसलिए बेचा जा रहा है, ताकि यह विश्वसनीय लगे.

इधर, साइबल के ब्लॉग के मुताबिक जो डेटा बिक्री के लिए रखा गया है उसमें फोन नंबर, महिला या पुरुष की जानकारी, शहर, मोबाइल नेटवर्क और फेसबुक आईडी का ब्योरा है. तब साइबल ने कहा था कि हमारे शोधकर्ता अपने विश्लेषण पर आगे बढ़ रहे हैं. लेकिन निश्चित रूप से इस तरह की चीज बड़े पैमाने पर भारतीय को प्रभावित कर सकती है.

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