आसानी से वापस मिल जायेगा गुम हुआ मोबाइल फोन, जानें…

आज के जमाने में आपका मोबाइल फोन आपके लिए कितना जरूरी है, यह बात आप बखूबी जानते होंगे. अगर यह खो जाये, तो एकबारगी कलेजा मुंह को आता है. लेकिन अगर आपको हम यह बतायें कि अब गुम हुए मोबाइल फोन को वापस पाना आसान होगा,तो आप क्या कहेंगे? दरअसल, दूरसंचार विभाग ने सेंट्रल मोबाइल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 9, 2018 6:55 PM

आज के जमाने में आपका मोबाइल फोन आपके लिए कितना जरूरी है, यह बात आप बखूबी जानते होंगे. अगर यह खो जाये, तो एकबारगी कलेजा मुंह को आता है. लेकिन अगर आपको हम यह बतायें कि अब गुम हुए मोबाइल फोन को वापस पाना आसान होगा,तो आप क्या कहेंगे?

दरअसल, दूरसंचार विभाग ने सेंट्रल मोबाइल इक्विपमेंट रजिस्टर की जिम्मेदारी सीडीओटी को सौंप दी है. दूरसंचार विभाग सीएमईआर यानी सेंट्रल मोबाइल इक्विपमेंट रजिस्टर प्रोजेक्ट में तेजी लायेगा. सीएमईआर की जिम्मेदारी सीडीओटी को सौंपी गयी है.

इस रजिस्टर में चोरी या गुम हुए मोबाइल हैंडसेट्स का डेटा होगा, जिसके जरिये ऑपरेटर्स आसानी से ऐसे हैंडसेट्स को नेटवर्क पर ब्लॉक कर सकेंगे. सीडीओटी इस पर पायलट प्रोजेक्ट 31 मार्च तक पूरा करेगा.

इससे पहले बीएसएनएल को ये जिम्मेदारी दी गयी थी. बीएसएनएल को 31 दिसंबर तक काम पूरा करना था. प्रोजेक्ट के सफल होने पर पूरे इसे पूरे देश में लागू किया जायेगा. बताया जाता है कि इस योजना के तहत सभी मोबाइल का डाटाबेस सीडीओटी को दिया जायेगा.

सेंट्रल मोबाइल आइडेंटिटी इक्विपमेंट रजिस्टर कीमदद से ग्राहक का हैंडसेट नेटवर्क पर ब्लॉक किया जा सकेगा. रजिस्टर से नकली हैंडसेट की आसानी से पहचान होगी और गुम या चोरी हुए मोबाइल का नेटवर्क पर एक्सेस बंद होगा.

टेलीकॉम कंपनियों को उपकरणों का डेटा मिल सकेगा और ग्राहकों को क्लोन मोबाइल का पता चल सकेगा. यही नहीं, सुरक्षा एजेंसियां मोबाइल को ट्रैक भी कर पायेंगी.

यहां यह जानना गौरतलब है कि मोबाइल वापस नहीं मिलने की सबसे बड़ी वजह होती है आईएमईआई का बदल जाना. पिछले दिनों सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए आईएमईआई बदलने पर जुर्माने और 3 साल की सजा का प्रावधान किया है. ऐसे में लोगों के मोबाइल फोन वापस मिलने की संभावना भी बढ़ जायेगी.

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