बिहार कैबिनेट के फैसले : किसानों को बड़ी राहत, डीजल अनुदान में 5 की बढ़ोतरी

पटना : राज्य सरकार ने रबी के मौसम में किसानों को बड़ी राहत दी है. डीजल अनुदान में प्रति लीटर पांच रुपये की बढ़ोतरी की गयी है. सोमवार को राज्य कैबिनेट की हुई विशेष बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि कुल 63 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2017 7:38 AM
पटना : राज्य सरकार ने रबी के मौसम में किसानों को बड़ी राहत दी है. डीजल अनुदान में प्रति लीटर पांच रुपये की बढ़ोतरी की गयी है. सोमवार को राज्य कैबिनेट की हुई विशेष बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि कुल 63 एजेंडों पर मुहर लगी.
डीजल अनुदान और आकस्मिक फसल योजना के लिए 175 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं. रबी मौसम में किसानों को एक एकड़ क्षेत्र में एक सिंचाई के लिए 10 लीटर डीजल खपत के अनुमान से 35 रुपये प्रति लीटर डीजल अनुदान दिया जायेगा. यानी 10 लीटर डीजल के लिए 350 रुपये अनुदान मिलेगा.पहले 30 रुपये की दर से 10 लीटर डीजल के लिए 300 रुपये दिये जाते थे.
राज्य में बनेंगे नौ ट्रैफिक थाने
राज्य में ट्रैफिक नियंत्रण के लिए सभी प्रमुख शहरों में ट्रैफिक थाना खोलने का प्रस्ताव है. इसके तहत पहले फेज में नौ शहरों में ट्रैफिक थाने खोले जायेंगे. इनमें मुजफ्फरपुर, बिहारशरीफ, दरभंगा, आरा, कटिहार, मुंगेर, छपरा, पूर्णिया और बेगूसराय शामिल हैं. इन थानों के संचालन के लिए 1,485 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है.
छेड़खानी रोकने को सार्वजनिक स्थल पर लगेंगे सीसीटीवी
राज्य के सार्वजनिक स्थलों पर महिला छेड़खानी को रोकने और अपराधियों की रोकथाम के लिए ‘सेफ सिटी सर्विलांस’ योजना के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे. इसके पहले चरण में पटना से इसकी शुरुआत होगी. इसके बाद अगले चरण में अन्य शहरों में यह व्यवस्था बहाल होगी.
पटना जिले में कैमरे लगाने के लिए 110.67 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. इसके लिए जल्द ही जिले के सभी महत्वपूर्ण स्थलों का चयन कर लिया जायेगा. इसके बाद सभी चुनिंदा स्थानों पर कैमरों को लगाने के काम शुरू हो जायेगा.
बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नियमावली में संशोधन
सरकार ने बिहार में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नियमावली, 2016 के नियम-7 (2) में संशोधन किया है. इसमें विकास आयुक्त की अध्यक्षता में राज्य प्रोत्साहन पर्षद का गठन किया गया है. इसमें राज्य सरकार, उद्योग और वाणिज्य संगठनों के प्रतिनिधि सदस्य बनाये गये हैं. यह पर्षद निवेश प्रस्तावों का अनुमोदन करता है.
इसके तहत अब पांच करोड़ तक के प्रस्ताव पर विकास आयुक्त को 15 दिनों में फैसला लेने का अधिकार दिया गया है. इसके अलावा अब उद्योग मंत्री के पास पांच करोड़ से अधिक और 15 करोड़ तक की सीमा के प्रस्ताव ही भेजे जायेंगे. इन पर 15 दिनों में निर्णय लिया जायेगा. कैबिनेट में 20 करोड़ के बजाय 30 करोड़ तक के निवेश के प्रस्ताव ही भेजे जायेंगे.

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