चूहे कर रहे चमगादड़ का शिकार, पहली बार दिखे इस नजारे से वैज्ञानिकों में डर, दुनिया में आ सकती है नई महामारी
Rats hunting Bats: वैज्ञानिकों के शोध में यह सामने आया है कि चूहे चमगादड़ का शिकार कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक चूहा उड़ते हुए चमगादड़ को दबोच लेता है. मनुष्यों में अब तक इन दोनों के माध्यम से ही सबसे ज्यादा बीमारियां फैलती आई हैं, ऐसे में वैज्ञानिकों में अब इस बात का डर बैठ रहा है कि कोई नई महामारी न फैल जाए.
Rats hunting Bats: जंतु जगत में भोजन चक्र तय है. बड़ा और ताकतवर छोटे और कमजोर को खाएगा. पंख वाले जमीन पर रहने वालों का शिकार करेंगे. लेकिन जमीन पर रहने वाला, उड़ने वाले का शिकार कर ले और देखने में छोटा बड़े का शिकार कर ले तो ताज्जुब ही होगा. ताज्जुब ही हो सकता है, क्योंकि इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं है. एक फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दो रोग फैलाने वाले सबसे कुख्यात जीवों चूहा और चमगादड़ को बेहद खतरनाक रूप से करीब आते हुए देखा गया. यह भी पहली बार देखा गया है कि चूहा चमगादड़ का शिकार कर रहा है. वैज्ञानिकों में अब इस बात का भी डर फैल गया है कि कहीं कोई नहीं बीमारी न आ जाए. चूहों का इस तरह का व्यवहार पहले कभी वैज्ञानिक रूप से दर्ज नहीं किया गया है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. यह वीडियो नॉर्थ जर्मनी का बताया जा रहा है, जो रात में रिकॉर्ड किया गया है. नाइट-विजन फुटेज में कुछ चमगादड़ उड़ते दिखाई दे रहे हैं. उसी जगह पर एक चूहा भी काफी शांत ढंग से बैठा इंतजार कर रहा है. एक चूहा अंधेरे में अपने पिछले पैरों पर खड़ा दिखाई देता है, जो आस-पास उड़ती चमगादड़ों की हरकतों को महसूस कर रहा होता है. एक चमगादड़ अपने कॉलोनी के पास आता है और जैसे ही मौका मिलता है, वह एक छोटी चमगादड़ पर झपटता है, उसे दांतों से काटता है और अपने शिकार को घसीटकर ले जाता है. चूहों को हवा में उड़ती चमगादड़ों पर झपटते और उन्हें खाकर खत्म करते हुए पहली बार देखा गया है.
वैज्ञानिकों को पहली बार यह प्रूफ मिला है कि चूहे उड़ान के दौरान चमगादड़ों का शिकार करते हैं. ऐसा व्यवहार वैज्ञानिक रूप से भी पहले कभी दर्ज नहीं हुआ था. वहीं अब इस खोज ने विशेषज्ञों में चिंता बढ़ा दी है कि यह बीमारियों के नए संक्रमण मार्ग और संभावित महामारियों के खतरे को जन्म दे सकती है, क्योंकि ये दोनों ही जीव पहले से कई घातक संक्रमणों के वाहक माने जाते हैं.
चमगादड़ कोरोना वायरस, रेबीज और इबोला जैसे कई घातक रोगों के वाहक हैं और धरती पर मौजूद सभी स्तनधारी प्रजातियों का लगभग 20% हिस्सा बनाते हैं. वहीं चूहे मानव बस्तियों के बेहद करीब रहते हैं और अंटार्कटिका को छोड़कर हर महाद्वीप पर पाए जाते हैं. चूहों की वजह से प्लेग जैसी बीमारी फैलती है. इसके साथ ही वैज्ञानिकों के बीच इस पर नई बहस छिड़ गई है कि यह घटना जानवरों के बीच रोगजनकों (पैथोजेन) के संक्रमण के खतरे को कैसे बढ़ा सकती है. यह स्टडी जर्नल “Global Ecology and Conservation” में प्रकाशित हुआ है.
शोध को कैसे दिया गया अंजाम?
शोधकर्ताओं ने जर्मनी के बाड जेगेबर्ग कस्बे में एक खुली हवा के थिएटर के पास स्थित गुफा और ल्यूनेबर्ग के एक सार्वजनिक पार्क की चट्टानों में नाइट-विजन कैमरे लगाए थे. उन्होंने पाया कि भूरे रंग के चूहे (ब्राउन रैट्स) गुफा के प्रवेश द्वार पर आने-जाने वाली चमगादड़ों का कम से कम 30 बार शिकार करने की कोशिश कर रहे थे, जिनमें से 13 बार वे सफल रहे. वैज्ञानिकों को गुफा के पास 50 से अधिक चमगादड़ों के अवशेष मिले, जिनमें से कई पूरी तरह खाए नहीं गए थे. ब्रिटेन के न्यूज वेबसाइट द टेलीग्राफ ने अपने लेख में इस फुटेज को महामारी पर आधारित किसी हॉरर फिल्म की शुरुआती झलक जैसा बताया है.
शिकार की अनोखी रणनीति
शोधकर्ताओं ने देखा कि ये चूहे गुफा के प्रवेश द्वार पर लगातार पहरा देते हुए टहल रहे थे. वे अपने पिछले पैरों पर सीधा खड़े होकर, पूंछ से संतुलन बनाए रखते थे और अगले पंजों को उठाकर उड़ती चमगादड़ों को पकड़ने की कोशिश करते थे. कई मामलों में उन्हें हवा में ही पकड़ लिया गया, एक ही काट में मार दिया गया और फिर घसीटकर ले जाया गया.
वैज्ञानिकों ने कहा कि हालांकि चूहों की नजर कमजोर होती है, फिर भी वे रात में शिकार करने में सफल रहे. संभवतः उन्होंने चमगादड़ों के पंखों से बनने वाली हवा की दिशा या अपनी मूंछों से उनकी गति महसूस करके उन्हें पहचान लिया. हालांकि ल्यूनेबर्ग वाले स्थान पर कोई सफल शिकार दर्ज नहीं हुआ, लेकिन वहां कई चमगादड़ों के शव मिले, जिससे संकेत मिला कि वहां भी चूहे शिकार कर रहे थे.
वैज्ञानिकों की चेतावनी
शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी कि ऐसे संपर्कों से चमगादड़ों से जुड़े रोगजनक चूहों में फैल सकते हैं, जिससे बीमारियों की गतिशीलता बदल सकती है और मनुष्यों व पालतू जानवरों तक संक्रमण पहुंचने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि ये चूहे, जो जर्मनी के मूल निवासी नहीं हैं, वहां की चमगादड़ आबादी के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं.
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