G-20 देशों से लिये कर्ज का किस्त नहीं भर पा रहा पाकिस्तान, राहत पाने के लिए उठाया ये कदम…

नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने जी-20 देशों के समूह से ऋण राहत पाने के लिए औपचारिक तौर पर आवेदन किया है. उसने वादा किया है कि आईएमएफ और विश्व बैंक दिशानिर्देशों के तहत मिलने वाले कर्ज के अलावा वह किसी अन्य रियायती कर्ज के लिए अनुबंध नहीं करेगा.

By Agency | May 5, 2020 6:12 PM

इस्लामाबाद : नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने जी-20 देशों के समूह से ऋण राहत पाने के लिए औपचारिक तौर पर आवेदन किया है. उसने वादा किया है कि आईएमएफ और विश्व बैंक दिशानिर्देशों के तहत मिलने वाले कर्ज के अलावा वह किसी अन्य रियायती कर्ज के लिए अनुबंध नहीं करेगा. पाकिस्तान के आर्थिक मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ को सोमवार को इस संबंध में जानकारी दी है.

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उन्होंने कहा कि इस बारे में शुक्रवार को जी-20 सदस्य देशों को अलग-अलग औपचारिक आग्रह भेज दिया गया है. यह आग्रह इन देशों को जी-20 की कोविड-19 कर्ज भुगतान निलंबन सुविधा के तहत किया गया है. जी-20 के सदस्य देशों ने 15 अप्रैल को हुई अपनी बैठक में पाकिस्तान सहित 76 देशों को कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न संकट को देखते हुए अपाने कर्ज की किस्तें फिलहाल जमा न करने की छूट देने का फैसला किया था. यह रोक मई से लेकर दिसंबर 2020 तक की किस्तों के लिए है.

जी-20 ने कहा कि कोरोना वायरा महामारी के प्रभाव को देखते हुए इन देशों में संसाधानों की तंगी हो सकती है. हालांकि, इसमें यह शर्त रखी गयी है कि प्रत्येक देश को इसके लिए औपचारिक तौर पर आग्रह करना होगा. इस मामले में एक और पात्रता मानदंड यह भी रखा गया कि लाभार्थी देश कर्ज भुगतान निलंबन अवधि के दौरान किसी नये रियायती कर्ज के लिए अनुबंध नहीं करेगा. हालांकि, इसमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ऋण सीमा नीति और गैर- रियायती उधार पर डब्ल्यूबीजी नीति के तहत मंजूरशुदा सीमा के दायरे में अनुपालन करते हुए किये जाने वाले समझौतों को इससे अलग रखा गया है.

पाकिस्तान सरकार ने अपने आग्रह पत्र में ऋण राहत की राशि तो नहीं लिखी है, लेकिन यह माना जा रहा है कि उसे मई-दिसंबर 2020 के दौरान कुल 1.8 अरब डॉलर की राहत मिल सकती है. पाकिस्तान ने इस बारे में आईएमएफ, विश्व बैंक और पेरिस क्लब को भी औपचारिक तौर पर बता दिया है. पाकिस्तान के ऊपर जी-20 की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से 11 सदस्यों का 20.7 अरब डॉलर का कर्ज है. इसमें से दिसंबर 2020 तक 1.8 अरब डॉलर का कर्ज उसे चुकाना है.

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