पाकिस्तान में नयी राजनीतिक नौटंकी: पीएम शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शरीफ बने पंजाब के मुख्यमंत्री

पाकिस्तान में एक नयी नौटंकी शुरू हो गयी है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शरीफ ने देश में सबसे अधिक आबादी वाले (11 करोड़ की आबादी) प्रांत पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर शनिवार को शपथ ली. लेकिन, राज्यपाल सरफराज चीमा ने उनके निर्वाचन को ही असंवैधानिक करार दे दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2022 8:21 PM

लाहौर: पाकिस्तान में एक नयी नौटंकी शुरू हो गयी है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Pakistan PM Shahbaz Sharif) के बेटे हमजा शरीफ (Hamza Shahbaz Sharif) ने देश में सबसे अधिक आबादी वाले (11 करोड़ की आबादी) प्रांत पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर शनिवार को शपथ ली. लेकिन, राज्यपाल सरफराज चीमा ने उनके निर्वाचन को ही असंवैधानिक करार दे दिया है. राज्यपाल ने उन्हें शपथ भी नहीं दिलायी. लिहाजा, नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने यहां राजभवन में 47 वर्षीय हमजा को शपथ दिलायी.

निवर्तमान मुख्यमंत्री बजदार का इस्तीफा नामंजूर

इससे पहले दिन में, राज्यपाल उमर सरफराज चीमा ने निवर्तमान मुख्यमंत्री उस्मान बजदार का इस्तीफा नामंजूर कर दिया और उनके मंत्रिमंडल को बहाल कर दिया. चीमा ने हमजा के चयन को संवैधानिक रूप से अमान्य भी करार दिया. राज्यपाल चीमा ने हमजा के शपथ ग्रहण समारोह के लिए राजभवन के सुरक्षाकर्मियों को हटाकर सुरक्षा व्यवस्था अपने नियंत्रण में लेने को लेकर पंजाब पुलिस की भी आलोचना की.

राष्ट्रपति को पत्र लिखेंगे राज्यपाल चीमा

शपथ ग्रहण कार्यक्रम जारी रहने के दौरान चीमा ने मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया कि वह पुलिस द्वारा राजभवन को अपने नियंत्रण में लेने के कदम का संज्ञान लें. उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पत्र लिखेंगे. राज्यपाल चीमा ने कहा, ‘एक फर्जी मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के पूरे नाटकीय घटनाक्रम को असंवैधानिक तरीके से अंजाम दिया गया और मुख्य न्यायाधीश को इसका संज्ञान लेना चाहिए.’

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राज्यपाल का हमजा को शपथ दिलाने से इंकार

शपथ ग्रहण के तुरंत बाद पंजाब के मुख्य सचिव ने अधिसूचित किया कि हमजा ने मुख्यमंत्री कार्यालय का प्रभार संभाल लिया है. गौरतलब है कि शुक्रवार को लाहौर हाईकोर्ट ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष को हमजा को शपथ दिलाने को कहा था. इससे पहले, अदालत ने राज्यपाल चीमा को शपथ दिलाने का आदेश दिया था, लेकिन उन्होंने हमजा के चुनाव को असंवैधानिक बताते हुए इससे इंकार कर दिया. विधानसभा सत्र के दौरान हमजा को 16 अप्रैल को पंजाब का मुख्यमंत्री चुना गया था.

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