Kisan Andolan: अमेरिका ने किया कृषि कानूनों का समर्थन, कहा- हम शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के साथ

वाशिंगटन : अमेरिका ने केंद्र सरकारी की ओर से लाई गई तीन कृषि कानूनों का समर्थन किया है. कानूनों के समर्थन में अमेरिका ने कहा कि हम उन कदमों का स्वागत करते हैं जिससे भारत के बाजारों की क्षमता में सुधार होगा और निजी क्षेत्र की कंपनियां निवेश के लिए आकर्षित होंगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका उन कदमों का स्वागत करता है जिससे भारत के बाजारों की क्षमता में सुधार होगा और निजी क्षेत्र की कंपनियां निवेश के लिए आकर्षित होंगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2021 11:07 AM

वाशिंगटन : अमेरिका ने केंद्र सरकारी की ओर से लाई गई तीन कृषि कानूनों का समर्थन किया है. कानूनों के समर्थन में अमेरिका ने कहा कि हम उन कदमों का स्वागत करते हैं जिससे भारत के बाजारों की क्षमता में सुधार होगा और निजी क्षेत्र की कंपनियां निवेश के लिए आकर्षित होंगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका उन कदमों का स्वागत करता है जिससे भारत के बाजारों की क्षमता में सुधार होगा और निजी क्षेत्र की कंपनियां निवेश के लिए आकर्षित होंगी.

प्रवक्ता ने यह संकेत दिया कि बाइडन प्रशासन कृषि क्षेत्र में सुधार के भारत सरकार के कदम का समर्थन करता है जिससे निजी निवेश आकर्षित होगा और किसानों की बड़े बाजारों तक पहुंच बनेगी. भारत में चल रहे किसानों के प्रदर्शन पर एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका वार्ता के जरिए दोनों पक्षों के बीच मतभेदों के समाधान को बढ़ावा देता है.

प्रवक्ता ने कहा कि हम मानते हैं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसी भी सफल लोकतंत्र की पहचान है और भारत के उच्चतम न्यायालय ने भी यही कहा है. इस बीच कई अमेरिकी सांसदों ने भारत में किसानों का समर्थन किया है. सांसद हेली स्टीवेंस ने कहा कि भारत में नये कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की खबर से चिंतित हूं.

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एक बयान में उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों को सकारात्मक बातचीत के लिए प्रोत्साहित किया. अन्य सांसद इलहान उमर ने भी प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति एकजुटता दिखायी. किसानों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अभी खतरे में है.

सिख पॉलिटिकल एक्शन कमेटी के अध्यक्ष गुरिंदर सिंह खालसा ने एक अलग बयान में कहा कि ऐतिहासिक किसान आंदोलन भारत सरकार की पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ सबसे बड़ी क्रांति बनने जा रहा है. हाल में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा था कि भारत के नए कृषि कानून में कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाने की क्षमता है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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