Iran Israel War: ईरान-इजरायल जंग से यूरोप में मचेगा पलायन का हड़कंप, अर्दोआन की चेतावनी

Iran Israel War: तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन ने चेताया कि इजरायल-ईरान युद्ध बढ़ा तो यूरोप में पलायन संकट गहरा सकता है. उन्होंने शांति वार्ता की अपील की और कहा कि न्यूक्लियर हमलों से क्षेत्रीय स्थिरता खतरे में है. ट्रंप दो हफ्ते में अमेरिका की भूमिका तय करेंगे.

By Aman Kumar Pandey | June 20, 2025 5:38 PM

Iran Israel War: इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष पर तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने गहरी चिंता जाहिर की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इजरायल द्वारा ईरान पर हमले इसी तरह जारी रहे, तो भविष्य में एक बड़े मानवीय संकट की आशंका है. उन्होंने कहा कि यदि युद्ध नहीं रुका, तो पश्चिम एशिया में स्थिति इतनी बिगड़ सकती है कि वहां से बड़ी संख्या में लोग यूरोप की ओर पलायन करने की कोशिश करेंगे. इससे यूरोप के देशों पर दबाव बढ़ेगा और वहां भी हालात अस्थिर हो सकते हैं.

तुर्की के राष्ट्रपति ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से बातचीत में कहा कि इजरायली हमले केवल ईरान तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि इसके दुष्परिणाम यूरोप के बड़े हिस्से में दिखाई देंगे. उन्होंने न्यूक्लियर साइट्स पर हमले को खतरनाक बताया और कहा कि इससे रेडिएशन लीक जैसी घटनाएं हो सकती हैं, जो केवल ईरान ही नहीं, पूरे क्षेत्र को प्रभावित करेंगी.

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अर्दोआन ने स्पष्ट किया कि अब एकमात्र रास्ता कूटनीति का है. संवाद और आपसी सहमति से ही समाधान निकाला जा सकता है, अन्यथा यह युद्ध क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह युद्ध लंबा खिंचता है तो यूरोप तक इसकी आग पहुंचेगी. अर्दोआन ने सभी पक्षों से अपील की है कि वे संयम बरतें और शांति स्थापित करने के प्रयासों में शामिल हों.

इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे आने वाले दो सप्ताह में यह निर्णय लेंगे कि अमेरिका इस संघर्ष में किस रूप में शामिल होगा. माना जा रहा है कि ट्रंप इस समय तक ईरान से वार्ता के प्रयास कर सकते हैं ताकि कोई राजनीतिक समाधान निकल सके.

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तुर्की को यह डर भी सता रहा है कि अगर ईरान से पलायन शुरू हुआ तो सबसे पहले शरणार्थी वहीं आएंगे. हालांकि, अभी तक सीमा पार कर तुर्की पहुंचने वालों की संख्या सीमित है, लेकिन ईरान के भीतर आंतरिक विस्थापन काफी बढ़ा है, खासकर राजधानी तेहरान से दूर-दराज के इलाकों की ओर. यह संकेत है कि जनता युद्ध के तनाव से खुद को सुरक्षित करने के प्रयास में जुट चुकी है.