‘जो आतंकवाद को पालेंगे, नतीजा भुगतेंगे’, NAM मीटिंग में MoS कीर्ति वर्धन सिंह ने दिखाई गरज

India NAM Meeting: भारत ने NAM की बैठक में आतंकवाद को साझा खतरा बताया और सभी देशों से अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने पाकिस्तान और आतंकियों को चेतावनी दी, साथ ही संयुक्त राष्ट्र पर भी सवाल उठाए.

By Govind Jee | October 16, 2025 7:27 PM

India NAM Meeting: युगांडा की राजधानी कंपाला में जब 19वीं गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) मध्यावधि मंत्रिस्तरीय बैठक चल रही थी, तो वहां भारत की आवाज एकदम साफ और दृढ़ गूंजी. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने न केवल आतंकवाद की निरंतरता पर प्रकाश डाला, बल्कि इसे दुनिया के लिए “साझा खतरा” बताते हुए सभी सदस्य देशों से गहन अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया. उनका संदेश सीधा था कि आतंकवाद अब किसी एक देश की समस्या नहीं, बल्कि मानवता के लिए एक साझा चुनौती है.

India NAM Meeting: आतंकवाद पर भारत का कड़ा रुख

भारत की तरफ से दिए गए राष्ट्रीय वक्तव्य में मंत्री सिंह ने कहा है कि आतंकवाद एक साझा खतरा है, जिसका समाधान केवल गहन अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से ही संभव है. उन्होंने बताया कि भारत दशकों से सीमा पार से हो रहे बर्बर आतंकी हमलों का शिकार रहा है. इस दौरान उन्होंने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए उस हमले का भी जिक्र किया, जिसमें निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी. भारत ने इसे आतंकवाद की एक और बर्बर मिसाल बताया.

सिंह ने गुटनिरपेक्ष देशों से कहा, “यह आवश्यक है कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता (Zero Tolerance) प्रदर्शित करे. जो देश आतंकवाद का प्रायोजन करते हैं, समर्थन करते हैं या औचित्य ठहराते हैं, उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा.”

पाकिस्तान पर परोक्ष वार- ‘जब आतंकवाद को राष्ट्रीय नीति बना लिया जाए…’

भाषण में पाकिस्तान का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया, लेकिन संकेत साफ थे. कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि जब कोई राष्ट्र आतंकवाद को अपनी राष्ट्रीय नीति बना लेता है, जब वहां आतंकवादी ठिकानों को बिना किसी दंड के पनपने दिया जाता है, जब राज्य के पदाधिकारी आतंकवादियों का महिमामंडन करते हैं तो ऐसी कार्रवाइयों की स्पष्ट निंदा की जानी चाहिए.” यह बयान सीधा उस पड़ोसी देश की ओर इशारा कर रहा था, जिसे भारत लंबे समय से आतंकियों को पनाह देने और सीमा पार हमले करवाने का आरोप लगाता रहा है.

संयुक्त राष्ट्र पर भी सवाल- ‘आतंकियों के बचाव पर खेद’

विदेश राज्य मंत्री सिंह ने अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र (UN) पर भी अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में जब पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा हुई, तो एक सदस्य देश ने हमले की ज़िम्मेदारी लेने वाले संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (The Resistance Front) का बचाव किया और यहां तक कहा कि उनसे जुड़े किसी भी सार्वजनिक संदर्भ को हटाया जाए. सिंह ने इसे बेहद खेदजनक और चिंताजनक बताया और कहा कि दुर्भाग्य से एक और सदस्य देश उस देश की कार्रवाई का भी बचाव करता है.

भारत की जवाबी कार्रवाई- ‘सटीक वार से तोड़े आतंकी ठिकाने’

पहलगाम हमले के बाद भारत ने मई 2025 में सटीक जवाबी कार्रवाई की. भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में मौजूद आतंकी ढांचों पर प्रिसीजन स्ट्राइक (Precision Strikes) की. इसके बाद पाकिस्तानी आक्रमण की कोशिशों को भी भारत ने प्रभावी ढंग से विफल कर दिया और उसके कुछ हवाई ठिकानों पर बमबारी की. इन कार्रवाइयों के बाद दोनों देशों के डीजीएमओ (Director General of Military Operations) के बीच बातचीत हुई और यह तय हुआ कि सीमा पर शत्रुता समाप्त की जाएगी.

NAM के प्रति भारत की प्रतिबद्धता- ‘हम मूल्यों के प्रति समर्पित हैं’

अपने संबोधन के अंत में सिंह ने कहा कि भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और अपने साझेदार देशों के साथ मिलकर इस आंदोलन को पुनर्जीवित करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता रहेगा. उन्होंने युगांडा सरकार और वहां के लोगों के आतिथ्य के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि हम एक ऐसे भविष्य की आशा करते हैं जहां वैश्विक समृद्धि के लिए सहयोग को और गहरा किया जा सके.

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