मालदीव में ही हैं गोटबाया राजपक्षे, सिंगापुर जाने के लिए निजी विमान का कर रहे इंतजार

राजपक्षे, उनकी पत्नी लोमा और दो सुरक्षा अधिकारी बुधवार रात को माले से उड़ान संख्या ‘एसक्यू 437' के जरिये सिंगापुर के लिये रवाना होने वाले थे लेकिन सुरक्षा कारणों से वे विमान पर सवार नहीं हुए. अभी वो मालदीव में सिंगापुर जाने के लिए निजी विमान का इंतजार कर रहे हैं.

By Agency | July 14, 2022 11:56 AM

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे मालदीव में हैं और उन्हें माले से सिंगापुर जाना था लेकिन सुरक्षा कारणों से वह सिंगापुर एयरलाइन के विमान पर सवार नहीं हो सके. मीडिया में बृहस्पतिवार को प्रकाशित खबर के अनुसार, गोटबाया अब एक निजी विमान का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने बुधवार को इस्तीफा देने की घोषणा की थी पर देश छोड़ने के कुछ घंटों बाद ही उन्होंने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बना दिया था जिससे राजनीतिक संकट गहरा गया है तथा सरकार विरोधी प्रदर्शन और उग्र हो गया है.

संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्द्धने ने कहा कि राजपक्षे ने रानिल विक्रमसिंघे को तब तक राष्ट्रपति का दायित्व निर्वहन करने के लिए नियुक्त किया है जब तक वह बाहर हैं. ‘डेली मिरर’ की खबर के अनुसार, राजपक्षे, उनकी पत्नी लोमा और दो सुरक्षा अधिकारी बुधवार रात को माले से उड़ान संख्या ‘एसक्यू 437′ के जरिये सिंगापुर के लिये रवाना होने वाले थे लेकिन सुरक्षा कारणों से वे विमान पर सवार नहीं हुए. खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राजपक्षे अब एक निजी विमान का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच अभयवर्द्धने ने कहा कि उन्हें राष्ट्रपति राजपक्षे से अभी तक इस्तीफा प्राप्त नहीं हुआ है.

इधर खबर है कि राष्ट्रपति बनने के बाद श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की राहें काफी मुश्किलों भरा होता जा रहा है. विपक्ष के साथ-साथ सेना भी विक्रमसिंघे की नियुक्ति के विरोध में उतर गई है. श्रीलंका की सेना ने मौजूदा संकट के राजनीतिक समाधान को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाने बुलाई है और संकट से जूझ रहे देश में सुधार के लिए उठाये जाने वाले कदमों की जानकारी मांगी है. इस बीच, विपक्ष ने विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति मानने से इनकार कर दिया है.

राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी तेज: घोर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के राजनीतिक दल 20 जुलाई को राष्ट्रपति का चुनाव कराने की तैयारी में हैं. गौरतलब है कि, सभी राजनीतिक दल एक सर्वदलीय सरकार बनाने तथा दिवालिया हुए देश में अराजकता फैलने से रोकने की लिए एकमत हैं.

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