ऐसी बातें होती रहती हैं… खशोगी मामले में ट्रंप ने प्रिंस सलमान को दी क्लीन चिट, कहा- हमारे गेस्ट को शर्मिंदा मत करो

Donald Trump's clean chit to MBS in Jamal Khashoggi murder: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को जमाल खशोगी की हत्या के मामले में बेकसूर बताया. उन्होंने कहा कि आप जिस व्यक्ति की बात कर रहे हैं, वह बहुत विवादास्पद था और क्राउन प्रिंस को उस बारे में कुछ नहीं पता था. वहीं एमबीएस ने कहा कि यह सऊदी अरब वालों के लिए दर्दनाक था

By Anant Narayan Shukla | November 19, 2025 9:37 AM

Donald Trump’s clean chit to MBS in Jamal Khashoggi murder: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं. वे 7 साल बाद अमेरिका पहुंचे हैं, आखिरी बार उन्होंने 2018 में US का दौरा किया था. अमेरिका पहुंचने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनका गर्मजोशी से स्वाागत किया. इसके बाद ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत की. इसी दौरान जमाल खशोगी की मौत का प्रश्न उठा, जिस पर ट्रंप ने जवाब दिया. उन्होंने प्रिंस सलमान को सीधे तौर पर क्लीन चिट दे दी. उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बारे में कुछ भी पता नहीं था. वहीं बिन सलमान ने कहा कि खशोगी की मौत के बारे में सुनना कष्टदायक था, लेकिन उनकी सरकार ने जाँच के लिए सभी सही कदम उठाए.

ओवल ऑफिस में जब रिपोर्टर ने ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 की हत्या पर सवाल पूछा, तो डोनाल्ड ट्रंप ने हस्तक्षेप किया. ट्रम्प ने कहा, “आप जिस व्यक्ति की बात कर रहे हैं, वह बहुत विवादास्पद था. बहुत से लोगों को वह पसंद नहीं था. चाहे आप उन्हें पसंद करें या न करें, ऐसी बातें होती रहती हैं.” उन्होंने प्रेस से आगे कहा कि वे हमारे मेहमान को शर्मिंदा न करें, क्योंकि प्रिंस की यह अमेरिका यात्रा बेहद हाई-प्रोफाइल है. रिपोर्टर ने जब अपना परिचय एबीसी से होने के रूप में दिया, तो ट्रम्प ने पलटकर कहा, आप फेक न्यूज हैं और जोर देकर कहा कि क्राउन प्रिंस को उस बारे में कुछ नहीं पता था. उन्होंने कहा कि आधिकारिक स्वागत समारोह के दौरान इस मुद्दे को नहीं उठाया जाना चाहिए.

एमबीएस ने कहा- यह सऊदी अरब वालों के लिए दर्दनाक था

ट्रम्प का यह ताजा बयान 2021 के अमेरिकी खुफिया आकलन के विपरीत हैं. 2018 में इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में खशोगी की हत्या हुई. इस पर खुफिया एजेंसी ने निष्कर्ष निकाला था कि क्राउन प्रिंस ने उस ऑपरेशन को मंजूरी दी थी. हत्या से जुड़े सीधे प्रश्न का उत्तर देते हुए एमबीएस ने अपनी पुरानी स्थिति दोहराई, इस घटना को हम सऊदी अरब वालों के लिए दर्दनाक और एक बहुत बड़ी गलती बताया. उन्होंने कहा कि साम्राज्य ने जांच के दौरान सभी सही कदम उठाए और हमने अपनी प्रणाली में सुधार किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसा फिर कभी न हो.

ट्रंप ने सऊदी के बयानों पर लगाई मुहर

ट्रम्प ने सऊदी अरब के मानवाधिकार रिकॉर्ड की प्रशंसा करते हुए कहा कि क्राउन प्रिंस के प्रयास अविश्वसनीय हैं. उन्होंने कहा, “मुझे उनके काम पर बहुत गर्व है. उन्होंने जो हासिल किया है, वह अविश्वसनीय है, मानवाधिकारों और अन्य क्षेत्रों में भी.” यह दावा सऊदी अरब के उस आधिकारिक रुख को मजबूती देता है, जिसके अनुसार यह हत्या कुछ एजेंटों द्वारा किया गया एक ‘खराब ऑपरेशन’ था. इसे आधिकारिक आदेश नहीं दिया गया था और इस तरह सीधे तौर पर क्राउन प्रिंस की जिम्मेदारी से इनकार किया था. राष्ट्राध्यक्षों के लिए होने वाले भव्य स्वागत के बीच हुई, इस बात का संकेत थी कि खशोगी की हत्या पर वैश्विक आक्रोश के बावजूद अमेरिका और सऊदी रिश्तों की मजबूती कायम है.

खशोगी की विधवा ने कहा- एमबीएस मांगे माफी

एमबीएस को न सिर्फ खशोगी की हत्या के लिए बल्कि देश में असहमति पर कार्रवाई करने के लिए भी मानवाधिकार संगठनों द्वारा कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है. इस बीच, खशोगी की विधवा हनान एलातर खशोगी ने मांग की कि एमबीएस को उनके पति की हत्या के लिए उनसे माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने एक्स पर लिखा, “क्राउन प्रिंस ने कहा कि उन्हें दुख है, तो उन्हें मुझसे मिलना चाहिए, माफी मांगनी चाहिए और मेरे पति की हत्या के लिए मुझे मुआवजा देना चाहिए.” हनान वॉशिंगटन डीसी में रह रही हैं, जहाँ उन्हें अपने पति की मौत के बाद अमेरिका ने शरण दी है.

दौरे पर किन बातों पर होगी चर्चा?

ट्रम्प ने सऊदी अरब को महान सहयोगी बताते हुए अमेरिका में सऊदी अरब के 600 अरब डॉलर (लगभग 50 लाख करोड़ रुपये) के निवेश वादों पर बात की और कहा कि यह आंकड़ा थोड़ा और बढ़ सकता है. उन्होंने पुष्टि की कि अमेरिका रियाद को एफ-35 लड़ाकू विमानों की बिक्री आगे बढ़ाएगा, भले ही अमेरिकी सांसदों और इजरायल ने तकनीकी सुरक्षा और क्षेत्रीय सैन्य संतुलन को लेकर चिंताएँ जताई हों. यात्रा के दौरान दोनों देश एक असैनिक परमाणु सहयोग ढांचे पर हस्ताक्षर करने और अमेरिकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर में नए सऊदी निवेशों की घोषणा करने वाले हैं. अमेरिका और सऊदी अधिकारी इस यात्रा के दौरान सुरक्षा गारंटियों, क्षेत्रीय तनावों, युद्ध के बाद गाजा की नाजुक स्थिति और सऊदी–इजरायल संबंधों को सामान्य बनाने जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

ये भी पढ़ें:-

80 साल बाद इतिहास की धज्जियां! जर्मनी ने यहूदियों पर जताया भरोसा, इजराइल से मिसाइल और ड्रोन की भारी खरीद

दुबई में गरजा रूसी स्टील्थ फाइटर जेट Su-57, मुकाबले में खड़ा ये अमेरिकी फ्लाइंग मॉन्स्टर

सऊदी-पाक और अमेरिका का नया ‘सीक्रेट गठबंधन’? ईरान भी चिंतित… भारत के लिए बढ़ी कूटनीतिक टेंशन