Donald Trump vs Iran : अमेरिका के बमों से छलनी हो जाएगा ईरान, डोनाल्ड ट्रंप ने हड़काया
Donald Trump vs Iran : ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों इसके ठीक अलग है, इसके बाद पश्चिमी देशों की टेंशन बढ़ गई है. ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है.
Donald Trump vs Iran : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान पर भड़क गए हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि वह परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ नया समझौता नहीं करता है, तो उसे भारी बमबारी के साथ–साथ ‘सेकंडरी टैरिफ’ का सामना करना पड़ सकता है. एनबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, “यदि वे समझौता नहीं करते हैं, तो ऐसी बमबारी होगी जैसी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी होगी.”
इंटरव्यू में ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि ईरान पर ‘सेकंडरी टैरिफ’ लगाए जा सकते हैं, जो उन देशों और कंपनियों को प्रभावित करेंगे जो ईरान के साथ कारोबार करते हैं. इससे ईरान की अर्थव्यवस्था पर और दबाव बढ़ेगा. ईरान पहले से ही अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण परेशानी झेल रहा है.
अमेरिका से सीधे बात नहीं करेगा ईरान
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने डोनाल्ड ट्रंप के पत्र के जवाब में अमेरिका के साथ सीधे बातचीत करने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि ईरान अमेरिका के साथ सीधे बातचीत नहीं करेगा, लेकिन ओमान जैसे मध्यस्थों के माध्यम से अप्रत्यक्ष बातचीत की जा सकती है.
ईरान ने मिसाइलों को लॉन्च मोड में तैनात किया
ईरान ने साफ कर दिया है कि वो अमेरिकी दबाव के सामने नहीं झुकेगा. अमेरिकी धमकियों से निपटने के लिए तेहरान ने अपने मिसाइलों को लॉन्च मोड में तैनात किया है. ईरानी न्यूज एजेंसियों ने इसकी जानकारी दी है. बताया जा रहा है कि ईरान ने अपने मिसाइलों को लॉन्चर पर लोड कर दिया है.
पश्चिमी देशों की टेंशन क्यों बढ़ी?
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि वह ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है. पहले कार्यकाल में, ट्रंप ने 2015 के परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर दिया था. इसके बाद ईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए थे. इन प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप, ईरान ने अपने यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम को बढ़ा दिया, जिससे पश्चिमी देशों की टेंशन बढ़ गई. ईरान के परमाणु हथियार विकसित करने की संभावना ने टेंशन बढ़ा दी है.
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साल 2018 से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है. गाजा में इजराइल-हमास युद्ध में ईरान समर्थित समूहों के नेताओं पर हमले भी शामिल थे. वर्तमान में, अमेरिका यमन में हूथी विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमले कर रहा है, और ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई को लेकर अभी भी चिंता बनी हुई है.
