“वायरस के खिलाफ जंग में चीन और अमेरिका को एकजुट होना होगा”

आज चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर हुई बातचीत की. उन्होंने बातचीत में कहा कि दुनिया भर को प्रभावित करने वाली कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से जंग लड़ने के लिए चीन और अमेरिका को एकजुट होना चाहिए.

By Shaurya Punj | March 27, 2020 4:43 PM

बीजिंग : चीन के वुहान से निकलकर कोरोना वायार दुनिया भर में तबाही मचा रहा है. कई देश कोरोना वायरस से पूरी तरह तबाह हो चुके हैं. चीन और इटली के बाद अब इस वायरस का मुख्य केंद्र अमेरिका माना जा रहा है.

आज चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर हुई बातचीत की. उन्होंने बातचीत में कहा कि दुनिया भर को प्रभावित करने वाली कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से जंग लड़ने के लिए चीन और अमेरिका को एकजुट होना चाहिए. सरकारी प्रसारक सीसीटीवी की खबर के मुताबिक दोनों देशों के बीच वायरस को लेकर हाल के दिनों में वाक्-युद्ध देखने को मिला था लेकिन शी ने ट्रंप से कहा कि चीन, “अमेरिका के साथ सभी सूचनाएं एवं अनुभव साझा करना जारी रखना चाहता है.” दोनों नेताओं के बीच ऐसे समय में बातचीत हुई जब इससे पहले ट्रम्प और उनके विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने इस महीने बार-बार ‘‘चीनी वायरस” का जिक्र कर चीन पर निशाना साधा था.

कोविड-19 का पता पहली बार चीनी शहर वुहान में चला. इस महीने की शुरुआत में बीजिंग में विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने भी एक ट्वीट में आरोप लगाया था कि अमेरिकी सेना ही वुहान में वायरस लायी थी. सीसीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, शी ने कहा कि चीन-अमेरिकी संबंध नाजुक स्थिति में है. उन्होंने कहा ‘‘आपसी सहयोग पारस्परिक रूप से लाभप्रद है और यह ‘‘एकमात्र सही विकल्प” है. मुझे उम्मीद है कि चीन-अमेरिकी संबंधों को बेहतर बनाने के लिए अमेरिका सार्थक कदम उठाएगा और दोनों देश मिलकर महामारी के खिलाफ लड़ाई में सहयोग को मजबूत कर सकते हैं.”

उल्लेखनीय है कि अमेरिका में कोरोना वायरस के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं और बृहस्पतिवार को यहां एक ही दिन में 16,000 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई. इसके साथ ही अमेरिका में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़कर 85,600 से अधिक हो गई जो दुनिया में किसी भी देश में सबसे अधिक है. आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या (82,400) के मामले में चीन (81,782) और इटली (80,589) को भी पीछे छोड़ दिया है.

Next Article

Exit mobile version