चीन ने निकाली दुश्मनी, भारत के लिए आ रही मेडिकल मदद को बीच समंदर में रोका

अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं साझेदारी फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने समाचार चैनल आज तक से बातचीत के दौरान कहा कि उनके संगठन की ओर से भारत को 1 लाख ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर देने की पेशकश की गई है और मई के अंत तक करीब 31 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मिल जाएंगे.

By Prabhat Khabar Print Desk | April 29, 2021 10:02 AM

नई दिल्ली/वाशिंगटन : पूरी दुनिया को महामारी के मुंह में धकेलने वाला चीन कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भारत को मिल रही चिकित्सकीय मदद में रोड़े अटका रहा है. आलम यह कि अमेरिका समेत दूसरे देशों से भारत आने वाले शिपमेंटों को वह समुद्री मार्ग में ही रोककर मानवता के खिलाफ काम कर रहा है.

अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं साझेदारी फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने समाचार चैनल आज तक से बातचीत के दौरान कहा कि उनके संगठन की ओर से भारत को 1 लाख ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर देने की पेशकश की गई है और मई के अंत तक करीब 31 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मिल जाएंगे.

यूएसआईएसएफ के शिपमेंट को चीन ने रोका

बातचीत के दौरान अघी ने दावा किया कि उनके संगठन की ओर से भारत के लिए भेजे गए एक शिपमेंट को चीन की तरफ से रोक दिया गया. उस समय चीन की ओर से यह दलील दी गई थी कि चीन की तरफ से भारत के साथ कार्गो एयरक्राफ्ट पर रोक लगा रखी थी, लेकिन चीन के इसी रवैये की वजह से समय रहते देश के पास कई मेडिकल वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पाई.

कोरोना की लड़ाई में चीन सबसे बड़ी रुकावट

उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मुश्किल समय में अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और हर तरह की मदद की जाएगी. लेकिन मुकेश अघी ने यह भी कहा कि पूरी दुनिया भारत की मदद तो करना चाहती है, लेकिन चीन उसमें बड़ी बाधा बन रहा है. यूएसआईएसएफ के अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना की इस लड़ाई में चीन बड़ी रुकावट बन रहा है. उन्होंने कहा कि भारत को मिलने वाले 1000 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर को जापान के जरिए लाने की तैयारी है.

रूस से दिल्ली पहुंचा 20 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने गुरुवार को बताया कि गुरुवार की सुबह रूस से दो उड़ानों की मंजूरी दी गई है, जिसमें 20 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, 75 वेंटिलेटर, 150 बेडसाइड मॉनिटर और 22 एमटी की कुल दवाइयां शामिल हैं. सीबीआईसी ने कहा कि एयर कार्गो और दिल्ली सीमा शुल्क चौबीसों घंटे काम कर रहा है.

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Posted by : Vishwat Sen

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