पाकिस्तान नहीं, भारत का यह पड़ोसी देश खरीदेगा टाइफून जेट; चीन के J-10C को दी सीधी टक्कर, एशिया में मचेगी खलबली!
Bangladesh To Buy Eurofighter Typhoon: बांग्लादेश ने यूरोफाइटर टाइफून खरीदने के लिए LOI साइन कर अपनी वायुसेना को आधुनिक बनाने की बड़ी पहल की है. इटली की लियोनार्डो कंपनी के साथ हुई यह शुरुआत देश के पश्चिमी फाइटर जेट की ओर बदलाव और रणनीतिक दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
Bangladesh To Buy Eurofighter Typhoon: बांग्लादेश ने अपनी वायुसेना को नया और मजबूत रूप देने की ओर बड़ा कदम बढ़ाया है. देश ने यूरोफाइटर टाइफून लड़ाकू विमानों की खरीद पर बातचीत शुरू करने के लिए Letter of Intent (LOI) पर साइन कर दिया है. यह फैसला इसलिए भी खास है क्योंकि अगर यह सौदा पूरा हो गया, तो बांग्लादेश यूरोप और मध्य पूर्व के बाहर इस फाइटर जेट को खरीदने वाला पहला देश बन जाएगा. LOI साइन करने के बाद साफ है कि बांग्लादेश अब पश्चिमी देशों के आधुनिक फाइटर जेट पर भरोसा बढ़ा रहा है.
यह LOI बांग्लादेश एयर फोर्स के मुख्यालय में साइन हुआ. इस मौके पर बांग्लादेश एयर फोर्स के चीफ एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान और बांग्लादेश में इटली के राजदूत एंटोनियो अलसेंड्रो मौजूद थे. बांग्लादेश एयर फोर्स की ओर से कहा गया कि लियोनार्डो बांग्लादेश एयर फोर्स को यूरोफाइटर टाइफून देगी. यह LOI आगे की बातचीत का शुरुआती कदम है. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि बांग्लादेश 16 यूरोफाइटर टाइफून खरीदने की योजना बना सकता है. अगर ऐसा होता है तो यह देश की अब तक की सबसे बड़ी पश्चिमी डिफेंस खरीद होगी.
यूरोफाइटर टाइफून: कौन बनाता है और कौन इस्तेमाल करता है
यूरोफाइटर टाइफून यूरोप के चार देशों का संयुक्त प्रोजेक्ट है इटली, जर्मनी, ब्रिटेन और स्पेन. अब तक 769 जेट बनाए जा चुके हैं और 10 देश इन्हें इस्तेमाल कर रहे हैं यूके, इटली, स्पेन, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, कुवैत, सऊदी अरब, कतर और ओमान. रॉयटर्स के अनुसार, बांग्लादेश एयर फोर्स ने इटली की कंपनी Leonardo S.p.A के साथ LOI साइन किया है. एक सेना अधिकारी ने कहा कि यह शुरुआती कदम है, जिससे बातचीत शुरू होगी. एयर फोर्स की ओर से यह नहीं बताया गया कि कितने जेट खरीदे जाएंगे.
–#Bangladesh Air Force has signed a Letter of Intent with Leonardo S.p.A of Italy to procure Eurofighter Typhoon multi-role combat aircraft
— Insightful Geopolitics (@InsightGL) December 9, 2025
-Ohho, what happened to JF-17 & J-10C talks
-So finally even Bangladesh could see through the invincibility propaganda of two duds pic.twitter.com/vIaSJT2B2u
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, जिसका नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं, हाल के दिनों में कई बड़े एविएशन फैसले ले रही है. जुलाई में बांग्लादेश ने बोइंग के 25 विमान खरीदने की योजना का ऐलान किया था. वजह थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से प्रस्तावित 35% आयात शुल्क. इस घोषणा के बाद यह सवाल उठे कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के दौरान किए गए 10 एयरबस खरीदने के वादे का क्या होगा, क्योंकि उनकी सत्ता से विदाई के बाद यह योजना अधर में लटक गई है.
Bangladesh To Buy Eurofighter Typhoon in Hindi: टाइफून बनाम चीन का J-10C
टाइफून के अलावा बांग्लादेश के सामने एक और विकल्प था चीन का चेंगदू J-10C. लेकिन LOI साइन होते ही यह साफ हो गया कि बांग्लादेश पश्चिमी देशों के हाई-टेक फाइटर जेट की ओर बढ़ रहा है. इस साल बांग्लादेश एयर फोर्स की एक टीम इटली के ट्यूरिन शहर पहुंची थी, जहां उन्होंने यूरोफाइटर टाइफून की टेस्ट फ्लाइट भी ली थी.
Bangladesh To Buy Eurofighter Typhoon in Hindi: लियोनार्डो के साथ पुराना रिश्ता
लियोनार्डो पहले भी बांग्लादेश को AW109 और AW139 हेलिकॉप्टर दे चुका है. यानी दोनों के बीच पहले से भरोसा बना हुआ है. इसी भरोसे की वजह से टाइफून खरीद पर बातचीत और आसान हो गई. लियोनार्डो न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि एशिया के और भी देशों में टाइफून बेचने की कोशिश कर रहा है. फिलीपींस को 32 जेट्स का प्रस्ताव है. पोलैंड में भी बिक्री अभियान. यानी कंपनी टाइफून को ग्लोबल मार्केट में बड़े स्तर पर आगे बढ़ाना चाहती है.
बांग्लादेश एयर फोर्स की क्षमता कितनी?
बांग्लादेश सरकार ने आधिकारिक डेटा जारी नहीं किया है, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार मानें तो एयर फोर्स के पास कुल करीब 200 विमान है और इनमें लगभग 50 फाइटर जेट शामिल हैं. अगर टाइफून डील फाइनल हो जाती है, तो बांग्लादेश की वायु शक्ति में बड़ा उछाल आएगा. कहीं न कहीं भारत के लिए यह पूरा घटनाक्रम चिंता बढ़ाने वाला है. बांग्लादेश में तख्तापलट, शेख हसीना का देश छोड़ना इन हालिया घटनाओं ने हालात पूरी तरह बदल दिए हैं. ऐसे में अगर यह डील पक्की होती है, तो भारत की चिंता स्वाभाविक रूप से बढ़ेगी. हालांकि, भारत की ओर से इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है.
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