ईरान लगायेगा परमाणु कार्यक्रम पर लगाम, बदले में मिलेगी प्रतिबंध से राहत, तेल के दाम गिरे
लुसाने/तेहरान : ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर पश्चिमी देशों व ईरान के बीच 12 सालों से जारी गतिरोध कल खत्म हो गया. यूरोपीय संघ के छह प्रमुख देश व ईरान कल इस बात पर सहमत हो गये कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रमों को स्थगित कर लेगा और उसके बाद पश्चिमी देशों पर लगाये गये प्रतिबंध […]
लुसाने/तेहरान : ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर पश्चिमी देशों व ईरान के बीच 12 सालों से जारी गतिरोध कल खत्म हो गया. यूरोपीय संघ के छह प्रमुख देश व ईरान कल इस बात पर सहमत हो गये कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रमों को स्थगित कर लेगा और उसके बाद पश्चिमी देशों पर लगाये गये प्रतिबंध उस पर से हटा लिया जायेगा. ईरान के इस समझौते पर राजी होने का पूरी दुनिया ने स्वागत किया है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित तमाम वैश्विक नेताओं ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे वैश्विक शांति के लिए अहम बताया है.समझौते की सहमति के फैसले के बाद कच्चे तेल के भी दाम भी वैश्विक बाजार में गिर गये.
हालांकि इजराइल की इस समझौते को लेकर आशंकाएं बनी हुई हैं. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतानयाहू ने इस समझौते के ईरान द्वारा पालन को लेकर संदेह प्रकट करते हुए कहा है कि उस पर इसके लिए तबतक दबाव बनाया जाये जबतक बेहतर समझौता व समाधान नहीं प्राप्त हो जाता है. उन्होंने नयी स्थिति को खुद के देश के लिए खतरा बताया है.
यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख फेडरिका मोघेरनी ने कहा कि इस करार पर राजी होने के बाद यूरोपीय संघ ईरान पर से प्रतिबंध हटा लेगा, जिसके बदले उसे अपने परमाणु कार्यक्रमों में कटौती करनी होगी. इस संबंध में ईरानी मीडिया रिपोर्टो में कहा गया है कि ईरान इसके बाद अपने सेंटेट्यूज की संख्या 19 हजार से घटा कर छह कर लेगा. मालूम हो कि इसका उपयोग परमाणु बम बनाने में होता है. साथ ही ईरान अपने रिएक्टर का डिजाइन बदलेगा, ताकि प्लूटोनिम का उत्पादन नहीं हो. ध्यान रहे कि प्लूटोनिम का उपयोग भी परमाणु बम बनाने में होता है. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने इस बात पर सहमति जतायी है.
उधर, संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून ने इस समझौते का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे पश्चिमी एशिया में शांति का रास्ता निकलेगा. दोनों पक्ष इस समझौते पर आठ दिन की वार्ता के बाद पहुंचे हैं. 30 जून को इस पर जटिल समझौता हो जायेगा. हालांकि ईरान को प्रतिबंधों से राहत तभी मिलेगी, जब संयुक्त राष्ट्र संघ के पर्यवेक्षक निरीक्षण करने के बाद इस बात से संतुष्ट हो जायें कि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रमों को समेटना शुरू कर दिया.
